लखनऊ : मुख्यमंत्री माडल कंपोजिट स्कूलों के लिए अभी तक 30 जिलों में जमीन नहीं मिल पाई है। ऐसे परिषदीय स्कूल जहां पर पांच एकड़ से लेकर 10 एकड़ तक अतिरिक्त जमीन है, उन्हें उच्चीकृत किया जाएगा। प्री-प्राइमरी से लेकर इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई इन विद्यालयों में होगी। इन स्कूलों में विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए अत्याधुनिक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। फिलहाल जमीन न मिल पाने के कारण इनका निर्माण नहीं शुरू हो पा रहा है, ऐसे में स्कूली शिक्षा महानिदेशालय की और से इन जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को नोटिस
जारी कर जवाब तलब किया गया है। महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से जिन जिलों के बीएसए को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया गया है उनमें अंबेडकर नगर, अमरोहा, औरैया, बलरामपुर, बिजनौर, बुलंदशहर, चंदौली, चित्रकूट, देवरिया, इटावा, गाजियाबाद, गाजीपुर, हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, जौनपुर, कन्नौज, कानपुर देहात, कुशीनगर, महाराजगंज, मथुरा, मऊ, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रायबरेली, शामली,
सीतापुर, सुलतानपुर और उन्नाव शामिल है। दरअसल मुख्यमंत्री माडल कंपोजिट विद्यालयों के लिए जनपद मुख्यालय के निकट किसी राष्ट्रीय या राजकीय राजमार्ग पर न्यूनतम पांच से अधिकतम 10 एकड़ तक की जमीन चाहिए। ताकि विद्यालय को इंटरमीडिएट तक उच्चीकृत करने के लिए पर्याप्त कमरे व अन्य जरूरी निर्माण कार्य कराया जा सके। यहां विद्यालयों को डिजिटल माध्यम से पढ़ाई कराई जाएगी और कान्वेंट स्कूलों के तर्ज पर सुविधाएं दी जाएंगी। बीते वर्ष दिसंबर महीने में पत्र लिखकर जमीन चिह्नित करने के निर्देश दिए गए थे लेकिन दो महीने बीतने के बावजूद अभी तक जमीन की व्यवस्था नहीं हो पाई है। ऐसे में कार्य नहीं शुरू हो पा रहा है।