हजार आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की वेतन वृद्धि का मसला फिर अटका


सरकारी मेडिकल संस्थानों में तैनात 15 हजार आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की वेतन वृद्धि का मसला अटक गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद डेढ़ साल से वेतन वृद्धि पर कोई फैसला नहीं हो पाया है। इससे कर्मचारियों ने जल्द ही मुख्यमंत्री व डिप्टी सीएम से भेंट करने की मांग की। साथ ही वेतन वृद्धि की फाइल अटकाने वालों के खिलाफ जांच कराने की गुजारिश की है।


केजीएमयू, लोहिया, पीजीआई व कैंसर संस्थान में करीब 15 हजार आउटसोर्सिंग कर्मचारी तैनात हैं। इनमें स्टाफ नर्स, एक्सरे, डायलिसिस, वार्ड ब्वॉय, सोशल वर्कर, कम्प्यूटर ऑपरेटर, वार्ड ब्वॉय, आया समेत अन्य संवर्ग के कर्मचारी काम कर रहे हैं। इन कर्मचारियों को आठ हजार से 20 हजार रुपये मासिक वेतन मिल रहा है।

चारों संस्थानों की एक कमेटी बनी वेतन वृद्धि की मांग पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए चारों संस्थानों की एक कमेटी बनाई। कमेटी ने करीब एक साल पहले अपनी सिफारिश शासन को भेज दी, जहां फाइल अटकी है। संयुक्त आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ के सच्चिदानंद मिश्र का कहना है कि वेतन वृद्धि न होने से कर्मचारियों के लिए परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। जल्द ही मुख्यमंत्री व डिप्टी सीएम से मिलकर वेतन वृद्धि की गुजारिश करेंगे।