सीतापुर। जिले के 46 परिषदीय विद्यालयों में एक माह से मध्याह्न भोजन नहीं बन रहा हैं। इससे यहां पर पढ़ने वाले बच्चे भूखे लौट रहे हैं। दैनिक अनुश्रवण प्रणाली की समीक्षा में यह खुलासा हुआ है। बीएसए ने इन विद्यालय के प्रधानाध्यापकों का फरवरी का वेतन रोक दिया है।
परिषदीय विद्यालयों के नौनिहालों को दोपहर का भोजन दिया जाता है। इसकी रोजाना मॉनीटरिंग होती है। प्रधानाध्यापक के पास एमडीएम सेल से एक कंप्यूटराइज्ड कॉल आती है। इस कॉल के जरिए रोजाना स्कूल में कितने बच्चों ने खाना खाया और एमडीएम बन रहा है कि नहीं है, इसकी जानकारी ली जाती है।
इस जानकारी के आधार पर ही इसकी समीक्षा होती है। पहली से 27 फरवरी के मध्य हुई समीक्षा में मालूम हुआ कि 46 परिषदीय विद्यालयों में भोजन नहीं बन रहा है। इन विद्यालयों में भोजन खाने वाले बच्चों की संख्या शून्य आई है जबकि शिक्षकों को इससे पहले कई बार छात्र संख्या बढ़ाने व रोजाना एमडीएम बनाने का निर्देश दिया गया था। इसके बावजूद लापरवाही बरती गई है। बीएसए ने इन स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के फरवरी माह का वेतन रोक दिया है। इसके साथ ही एक सप्ताह के अंदर नोटिस का जवाब देने के निर्देश भी दिए हैं।
एक सप्ताह में मांगा है जवाब प्रधानाध्यापकों ने भोजन बनवाने में लापरवाही बरती। इस पर नोटिस दिया गया है। तब तक इनका वेतन रोक दिया गया है। इनसे एक सप्ताह में जवाब मांगा गया है। - अखिलेश प्रताप सिंह, बीएसए