लखनऊ। परिषदीय विद्यालय के कक्षा एक और कक्षा दो के छात्र अब एनसीईआरटी की किताबें पढ़ेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत हुए बदलाव के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया। अप्रैल में नए सत्र से सभी सरकारी स्कूलों के बच्चों को ये किताबें मिल जाएंगी।
नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा में हुए बदलाव का असर न केवल उच्च शिक्षण संस्थानों में देखने को मिल रहा है। बल्कि प्राथमिक स्तर पर भी इसे लागू किया जा रहा है। अभी तक यूपी बेसिक के छठवीं से आठवीं और माध्यमिक के नौवीं से 12वीं कक्षा तक की किताबें एनसीईआरटी पर आधारित थीं, लेकिन अब सरकारी स्कूलों के प्राथमिक स्तर पर
भी इसे लागू करने की योजना बना ली गई है। पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों को एनसीईआरटी आधारित मृदंग, सारंगी और आनंदमय गणित की किताबें मिलेंगी। राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद की निदेशक सरिता तिवारी ने बताया कि बच्चों को एनसीईआरटी आधारित किताबें पढ़ाने का उद्देश्य उन्हें निपुण बनाना है। इसके लिए जरूरी है कि प्राथमिक स्तर पर भी एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाई जाएं। एनसीईआरटी आधारित नई किताबों में बच्चों के कौशल विकास से जुड़े पाठ होंगे। खेल-खेल में बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जाएगी।