आरओ/एआरओ पेपरलीक की सीबीआई जांच हो

 

समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी 2023 की प्रारंभिक परीक्षा में पेपरलीक का दावा कर रहे अभ्यर्थियों ने सीबीआई जांच की मांग की है। छात्रों का कहना है कि लीक मूल प्रश्नपत्र को फोटोस्टेट, स्कैन, वॉयस टाइपिंग, गूगल लेंस से कॉपी करने की बजाय टाइप किया गया था ताकि यह पता न चल सके कि पेपर किस केंद्र से लीक हुआ है। जिस सुनियोजित तरीके से पेपरलीक को अंजाम दिया गया उसमें बड़े रैकेट का हाथ होने की आशंका है। ऐसे में पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से होनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई लाखों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने की हिम्मत न जुटा सके।


इस बीच आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने भी आरओ/एआरओ परीक्षा के पेपरलीक होने संबंधी सबूत प्रस्तुत करते हुए परीक्षा निरस्त करने और एफआईआर दर्ज कर सीबीआई जांच कराने की मांग की है। अपर मुख्य सचिव नियुक्ति विभाग तथा लोक सेवा आयोग के सचिव को भेजे अपने पत्र में पूर्व आईपीएस ने कहा है कि उन्हें जौनपुर के अटाला मस्जिद के निकट स्थित परीक्षा केंद्र के एक अभ्यर्थी ने बताया है कि उन्हें परीक्षा के द्वितीय पाली का प्रश्नपत्र स्वयं उसके मोबाइल नंबर पर दोपहर बाद 1240 बजे प्राप्त हुआ था। उस अभ्यर्थी ने दो अन्य लोगों के मोबाइल नंबर भी बताए हैं जिनके माध्यम से होते हुए उन्हें यह प्रश्नपत्र प्राप्त हुआ। उक्त अभ्यर्थी ने बताया है कि स्वयं उसकी क्लास में ही आठ से दस अभ्यर्थियों के पास पहले से प्रश्नपत्र प्राप्त हो चुके थे। अमिताभ ठाकुर ने इसे अत्यंत महत्वपूर्ण साक्ष्य बताते हुए तत्काल परीक्षा निरस्त कर एफआईआर दर्ज कराने और सीबीआई जांच कराने की मांग की है।