हर मंडल में राज्य विवि, हर ब्लॉक तक स्मार्ट क्लास: बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा तक बदलाव की कवायद, पढ़ाई के साथ युवाओं के कौशल विकास पर भी जोर


लखनऊ। प्रदेश सरकार ने सात साल के कार्यकाल में उच्च से लेकर बेसिक शिक्षा तक में गुणवत्तापरक बदलाव लाने के लिए कई काम किए। एक तरफ जहां उच्च शिक्षा में हर मंडल में एक राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना की ओर सरकार बड़ी है। वहीं माध्यमिक व परिषदीय विद्यालयों का प्रोजेक्ट अलंकार, कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) फंड से बदलाव किया गया। साथ ही हर ब्लॉक तक स्मार्ट क्लास की भी स्थापना की गई है।


प्रदेश सरकार हर मंडल में एक राज्य विश्वविद्यालय की संकल्पना को साकार करने में सफल रही है। बजट में इसके लिए वित्तीय प्रावधान करने के साथ ही हाल में देवीपाटन मंडल में मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय का बलरामपुर में, मुरादाबाद और मिर्जापुर मंडल में एक-एक राज्य विश्वविद्यालयों का शिलान्यास किया गया है। अब इनका निर्माण कार्य गति पकड़ेगा। इन नए राज्य विश्वविद्यालयों के लिए कुलसचिव पद का सृजन भी कर दिया गया है।

वहीं राज्य विश्वविद्यालयों के शिलान्यास के साथ ही निजी विश्वविद्यालयों को भी आगे बढ़ाया जा रहा है। कई नए निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना को पिछले दिनों हरी झंडी दी गई है। इसी तरह बेहतर तकनीकी शिक्षा देने के लिए भी गोंडा, प्रतापगढ़, बस्ती व मिर्जापुर में नए राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों की स्थापना कर पढ़ाई शुरू (अभी दूसरे यिरिंग संस्थान में) की गई है.


इन संस्थानों के लिए शैक्षिक व गैर शैक्षणिक के 636 पदों का सूजन कर दिया गया है। चुनाव बाद इनकी भर्ती प्रक्रिया भी शुरू होगी।

वहीं, प्रदेश के अन्य राजकीय इंजीनियरिंग संस्थानों में भी बेहतर गुणवत्ता के लिए 176 नियमित शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। इस तरह अब प्रदेश के युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए दूसरे प्रदेश नहीं जाना होगा। प्रदेश सरकार उन्हें उत्तर प्रदेश में ही बेहतर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करेगी। इसी के साथ प्रदेश सरकार युवाओं को पढ़ाई के साथ ही उनके कौशल विकास पर भी फोकस कर रही है। एक तरफ जहां टाटा के सहयोग से 150 आईटीआई को अपग्रेड कर वहां अत्याधुनिक क्षेत्र में कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसी तरह नई बनी 47 राजकीय आईटीआई व पॉलीटेक्निक संस्थानों को पीपीपी मॉडल पर संचालित करने की सहमति दी गई है। यहां भी

युवाओं को कौशल विकास का बेहतर प्रशिक्षण मिलेगा। प्राविधिक शिक्षा विभाग व तकनीकी विश्वविद्यालयों ने भी इंफोसिस, आईबीएम, वाधवानी फाउंडेशन, कॉग्निवी, उन्नति समेत 10 नामी कंपनियों से एमओयू किया है। इसके जरिये 17 लाख युवाओं के कौशल विकास का लक्ष्य रखा गया है। ताकि हर युवा सरकारी नौकरी के साथ- साथ स्वरोजगार के लिए भी तैयार किया जा सके। इंटर स्तर पर भी युवाओं के कौशल विकास के व्यावसायिक शिक्षा देने का कार्यक्र न इस सत्र से शुरू किया गया.

18,381 परिषदीय व कस्तूरबा विद्यालयों में स्मार्ट क्लास

प्रदेश सरकार ने परिषदीय विद्यालयों के कायाकल्प पर काफी काम किया। एक तरफ जहां विद्यालयों की क्लास क बिल्डिंग ठीक की गई वहीं 18,381 परिषदीय व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना की गई। इससे इन विद्यालय के बच्चों को आधुनिक तरीके से शिक्षण-प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसी तरह 880 विकासखंडों में आईसीटी लैब की स्थापना की जा रही है। 648 कस्तूरवा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कथा 12 तक उच्चीकृत किए जा रहे हैं। इसमें 200 से ज्यादा में इस सत्र में प्रवेश लेकर पढ़ाई भी शुरू कर दी गई है। अन्य का निर्माण कार्य चल रहा है। परिषदीय विद्यालयों के साथ ही इस साल से प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के लिए भी प्रोजेक्ट अलंकार की शुरुआत की गई। इसके तहत 347 करोड़ की राशि स्वीकृत की जा चुकी है।

विद्यालयों को दिए गए दो लाख टैबलेट

प्रदेश में न सिर्फ पठन-पाठन बल्कि अन्य व्यवस्थाओं के भी डिजिटलीकरण पर सरकार ने जोर दिया। परिषदीय विद्यालयों में लगभग एक दर्जन रजिस्टर को डिजिटल करने की प्रक्रिया शुरू हुई है। इसके लिए हर परिषदीय विद्यालय को दो-दो यानी लगभग दो लाख टैबलेट का वितरण किया गया है। इसके पहले चरण में बच्चों की उपस्थिति व मिड-डे-मील का रियल टाइम अपडेशन की कवायद शुरू हुई है। हालांकि इसे लेकर अभी पूरी तरह व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पाई है। अगले चरण में शिक्षकों की उपस्थिति समेत विद्यालय के अन्य कार्य भी ऑनलाइन व रियल टाइम अपडेट करने की तैयारी है। वहीं इन टैबलेट से ऑनलाइन पठन-पाठन को भी गति दी जाएगी।

यूपीएसएसएससी ने निकाली 11 हजार भर्तियां

उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) ने पिछले लगभग दो महीने में विभिन्न विभागों में ग्रुप सी के तहत करीब 11 हजार पदों पर भर्तियां निकाली है। इनके लिए आवेदन प्रक्रिया अप्रैल-मई में शुरू होगी। किंतु अभी भी आयोग की ओर से वर्ष 2019 व 2020 की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए अभ्यर्थी आंदोलन और धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी तरह माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड व उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग की ओर से दो साल पहले 4100 पदों पर भर्तियां निकाली गई थीं। नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के इंतजार में यह भर्तियां भी अभी लंकित है। इसके लिए भी अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे हैं।


चुनौतियां भी कम नहीं

शिवक टैबलेट संचालन व रियल टाइम अपडेशन के लिए तैयार नहीं हैं।

• विद्यालयों में स्मार्ट क्लास तो तैयार लेकिन कुछ जगह शिक्षक अपग्रेड नहीं।

नई भर्तियां तो निकाली लेकिन समय से उनको पूरा करना होगी बड़ी चुनौती।

■ विद्यालयों में तकनीकी विकास हुआ लेकिन संचालन के के लिए हुई। भर्ती नहीं

स्नातक होकर निकल रहे युवाओं के लिए रोजगार व स्वरोजगार के अवसर तैयार करना होगा।