रास्ता: कानूनी राय ले रहे मदरसा संचालक, बोले-अनुदान पर असर नहीं


मदरसा शिक्षा अधिनियम 2004 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने असंवैधानिक घोषित कर दिया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद मदरसा संचालकों ने इसे लेकर अपने स्तर पर तैयारी शुरू की है। मदरसा संचालकों का कहना है कि मदरसों के बच्चों को स्थानांतरित करने की बात पर समस्या है। इसे लेकर वकीलों से कानूनी राय ली जा रही है।


इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने शुक्रवार को एक अहम फैसले में मदरसा शिक्षा अधिनियम 2004 को असंवैधानिक घोषित कर दिया। कोर्ट के फैसले के बाद अब इस पर अपनी तैयारी शुरू हुई है। ऑल इंडिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया के संगठन मंत्री जुनैद अहमद का कहना है कि कोर्ट का आदेश सबसे ऊपर है। अब इस फैसले पर वह वकीलों से कानूनी राय लेंगे। जिसके बाद तय होगा कि स्थिति क्या बनेगी। कोर्ट ने जिस अधिनियम की बात कही है यहां पंजीकृत सभी मदरसे 2004 से पहले के हैं। वहीं आदेश में वेतन और अनुदान पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। ऐसे में यह लगता है कि शिक्षकों के वेतन पर तो कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि मदरसा शिक्षकों को वेतन 1921 की शिक्षक संहिता के अनुसार मिलता है। मदरसा बोर्ड या शिक्षा संहिता से इसका कोई सरोकार नहीं है। हां बच्चों को स्कूलों में शिफ्ट करने की बात जरूर है। वहीं फूलपुर के जामिया अरबिया तालिमुल इस्लाम के प्रबंधक अनीस अहमद का कहना है कि विद्यार्थियों, शिक्षकों व इन्फ्रास्ट्रक्चर के भविष्य को लेकर चिंता है। बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट में जाना चाहिए। मदरसा नाफे उल उलूम अंजना सैदाबाद के निजाम सरवर का कहना है कि इस फैसले पर कानूनी राय ली जा रही है। मेजा के मदरसा अरबिया तालेमुल कुरान के हाफिज अशफाक अहमद का कहना है कि शासन और कोर्ट का जो फैसला होगा, उस पर काम करेंगे।


क्या है फैसला

कोर्ट ने अपने फैसले में मदरसा शिक्षा अधिनियम 2004 को संविधान के अनुच्छेद 13 समानता का अधिकार व अनुच्छेद 21 जीवन व 21 ए शिक्षा के मौलिक अधिकार के खिलाफ माना है। इसे लेकर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में दिनभर चर्चा चलती रही। अफसरों ने माना कि समानता के अधिकार के तहत धार्मिक शिक्षा पर सरकार अनुदान नहीं दे सकती, वहीं अनुच्छेद 21 बहुत बड़ा है। लेकिन इसमें शिक्षा जुड़ा है जो निशुल्क शिक्षा पर है।

मदरसों पर एक नजर

जिले में मदरसे 224

छात्रों की संख्या 25782

मदरसों में शिक्षक 445

हाईकोर्ट ने जब मदरसा शिक्षा अधिनियम को असंवैधानिक घोषित कर दिया है तो सभी प्रभावित होगा। वेतन और अनुदान को लेकर कोर्ट का जो आदेश होगा, उसका अक्षरक्ष पालन कराया जाएगा।

-कृष्ण मुरारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी