अनुशासनात्मक कार्रवाई के नाम पर नहीं रोका जाएगा शिक्षकों का वेतन


लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में विभिन्न विभागीय कार्यक्रमों में अपेक्षित परिणाम न मिलने पर शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मियों पर कार्रवाई के नाम पर उनका वेतन रोक दिया जाता है। अब विभागीय अधिकारी ऐसा नहीं करेंगे। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने इसको लेकर अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि नियमावली के अनुसार वेतन रोकना किसी प्रकार के दंड के रूप में उल्लिखित नहीं है। जब


तक नियमों के अनुसार औपचारिक आदेश जारी न हो, किसी भी कार्मिक के वेतन व वेतन वृद्धि को रोका नहीं जायेगा, अन्यथा इसके लिए संबंधित अधिकारी का भी दायित्व निर्धारित किया जाएगा। नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही की सभी प्रक्रिया पूरी किये जाने के बाद ही वेतन या वेतन वृद्धि रोकी जायेगी।

महानिदेशक ने यह भी कहा है कि ऐसी कार्यवाही अत्यंत गंभीर प्रकरण में ही की जायेगी। किसी तत्काल प्रकरण

में जिलाधिकारी की अनुमति से उक्त कर्मचारी को प्रतीक्षा में रखा जा सकता है। बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से परिषदीय विद्यालयों में विभिन्न कार्यक्रमों व शिक्षण कार्य के पर्यवेक्षण बीएसए, बीईओ, डायट प्राचार्य व शिक्षकों की ओर से कराए जाते हैं। इसमें अधिकतर जगह पर शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन रोक दिया जाता है। इससे वह काफी परेशान होता है और उसका आर्थिक शोषण भी होता है।