लखनऊ। बैंक कर्मचारियों के संगठन वी बैंकर्स ने बैंकों के 12वें द्विपक्षीय समझौते चुनौती दी है। मुख्य श्रमायुक्त (केन्द्रीय) की ओर से उपमुख्य श्रमायुक्त, नई दिल्ली ने वित्तीय सेवा प्रभाग, वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक और सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 30 अप्रैल को बातचीत के लिए बुलाने का नोटिस जारी किया है।
वी बैंकर्स ने 12वें द्विपक्षीय समझौते के तहत बैंकों द्वारा स्वीकृत 17 फीसदी वेतन वृद्धि को तदर्थ (एडहॉक) वेतन वृद्धि मानते हुए र्मियों के वेतन, पेंशन, सेवा शर्तों
के निर्धारण के लिए अलग से वेतन आयोग बनाने, इसके लिए कर्मियों से मतदान कराने की मांग की गई है। बैंक कर्मी अर्श से फर्श पर आ गए हैं। उनका वेतन व पेंशन केन्द्रीय और राज्य सरकार, रिजर्व बैंक, जीवन बीमा और अन्य क्षेत्रों के कर्मचारियों की तुलना में बहुत कम है। उस पर निरंतर काम का बोझ और जोखिम बढ़ाया जा रहा है। केवल 15 लोग 15 लाख बैंक
कर्मचारियों के भविष्य का फैसला कैसे कर सकते हैं।
मौजूदा व्यवस्था भारतीय संसद द्वारा पारित बैंकिंग कंपनीज (एक्यूजीशन एंड ट्रांसफर ऑफ अंडरटाकिंग्स) एक्ट, 1970/1980 के प्रावधानों के प्रतिकूल है। संगठन ने कहा कि अवैधानिक तरीके से भारतीय बैंक संघ द्वारा अधिकारों का उपयोग किया जा रहा है इसलिए या तो भारतीय बैंक संघ भंग करे यां उसके द्वारा कर्मियों से संबंधित किसी भी मुद्दे पर निर्देश देने पर पूर्णतया रोक लगाई जाए।