खेल सामग्री का बजट कितना खर्च विद्यालय पहुंचकर जानेंगे अधिकारी


ज्ञानपुर। जिले के 892 परिषदीय विद्यालयों में खेलकूद सामग्री की जांच होगी। पता लगाया जाएगा कि महीने भर में स्कूल प्रशासन ने कितनी खेल सामग्री खरीदी। साथ ही किस कंपनी का सामान क्रय किया। खेलकूद सामग्री के नाम पर खानापूर्ति करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए खंड शिक्षा अधिकारियों और जिला समन्वयक की टीम बनाई गई है। मई से टीम विद्यालयों में पहुंचना शुरू करेगी।

जिले में 892 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं। बेसिक शिक्षा विभाग

एक ओर जहां परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन की गुणवत्ता को लेकर गंभीर है। इसके तहत बच्चों को रोचक तरीके से पढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। वहीं, शारीरिक और मानसिक विकास पर भी नजर है। इसी क्रम में शासन ने मार्च में परिषदीय स्कूलों में खेलकूद सामग्री के लिए धनराशि जारी की।

प्राथमिक विद्यालयों को पांच हजार जबकि उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों को दस-दस हजार रुपये जारी किए गए। प्राथमिक स्कूलों को 11 जबकि जूनियर स्तर पर 16 प्रकार की खेल सामग्री खरीदी जानी थी। इससे विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को पारंपरिक खेलों खो-खो, कबड्डी, फुटबाल, वॉलीबॉल, हैंडबॉल के साथ ही एथलेटिक्स, बैडमिंटन, शतरंज व कैरम आदि में दक्ष बनाया जाएगा।


जानकारी के अनुसार करीब महीने भर बाद भी बड़ी संख्या में विद्यालयों ने खेल सामग्री नहीं खरीदी है। जबकि कई विद्यालयों ने चुनिंदा सामान खरीदकर कोरम पूरा कर लिया। शिकायत मिलने पर विभाग ने अब एक-एक विद्यालय का भौतिक सत्यापन करने की योजना बनाई है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि प्रधानाध्यापकों के खाते में पैसा भेजा गया है। उन्हें ही खेल सामा।

खरीदनी है।