80% से कम उपस्थिति वाले परिषदीय स्कूलों पर नजर, होगी कार्रवाई

 

पडरौना, 

जिले के परिषदीय स्कूलों में नये सत्र को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग गंभीर है। विभाग के जिम्मेदार कांवेंट स्कूलों के शिक्षकों की तरह परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को डोर टू डोर भ्रमण कर नया नामांकन पर जोर देने तथा स्कूलों में नामांकन के सापेक्ष शत प्रतिशत उपस्थिति को लेकर रणनीति बनायी है। विभाग के जिम्मेदारों की नजर 80 फीसदी कम उपस्थिति वाले स्कूलों के साथ कक्षा एक में नया नामांकन नहीं करने वालों स्कूलों पर रहेगी। वहीं बेहतर नामांकन व शतप्रतिशत उपस्थिति वाले स्कूलों के शिक्षकों को चिंह्नित कर सम्मानित किया जायेगा। बिना अवकाश स्वीकृत स्कूल से गायब रहने वाले शिक्षकों पर विभाग सख्त कार्रवाई करेगा। विभाग की नई रणनीति से लापरवाह शिक्षकों के होश उड़े हुये हैं।




बेसिक शिक्षा विभाग से जिले में 2464 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय के साथ कंपोजिट विद्यालय संचालित होते हैं। इन स्कूलों में पौने तीन लाख बच्चों का नामांकन है। पहली अप्रैल से जिले में नये सत्र का शुभारंभ हुआ है। नये सत्र के पहले बीआरसी के माध्यम से शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर आउट ऑफ स्कूल बच्चों का सर्वे कर चिंह्नित करके स्कूलों में नामांकन के साथ ठहराव के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इसके अलावा स्कूलों में बच्चों की संख्या बढाने के लिए शिक्षकों को स्कूल चलो अभियान तथा संचारी रोग नियंत्रण को लेकर जागरूकता रैली निकालने का निर्देश दिया गया है। वहीं बेसिक शिक्षा विभाग नये सत्र में न्यू नामांकन व ठहराव को लेकर अलर्ट है। विभाग के जिम्मेदार 80 फीसदी से कम उपस्थिति वाले स्कूलों के अलावा कक्षा एक में नया नामांकन पर जोर नहीं देने वाले स्कूलों पर नजर रखेगा। ऐसा नहीं करने वाले स्कूलों के शिक्षकों पर विभाग की टेढ़ी नजर होगी। उन पर विभाग सख्त कार्रवाई करेगा। वहीं शत प्रतिशत उपस्थिति तथा नया नामांकन सर्वाधिक करने वाले स्कूलों के शिक्षकों को विभाग पुरस्कृत कर सम्मानित करेगा। इससे कि उन शिक्षकों का उत्साह बढ सके तथा अन्य शिक्षक उनसे सीख ले सकें।


80 फीसदी से कम उपस्थिति के साथ नया नामांकन पर जोर नहीं देने वाले स्कूलों को चिह्नित कर उनके शिक्षकों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जायेगी। स्कूलों में सर्वाधिक नया नामांकन व शतप्रतिशत बच्चों की उपस्थिति वाले स्कूलों के शिक्षकों को पुरस्कृत कर सम्मानित किया जायेगा।


डॉ. रामजियावन मौर्य, बीएसए कुशीनगर