आयकर की पुरानी व्यवस्था में रहना है तो चुनना होगा विकल्प


: आयकर विभाग ने रिटर्न में इस बार कुछ जानकारियों को बदले तरीके से मांगा है। रिटर्न भरने से पहले सभी जानकारियों को ध्यान से जान लें। यह भी तय कर लें कि पुरानी व्यवस्था में रहना है या नई में जाना है। अगर पुरानी में रहना है तो रिटर्न भरते समय विकल्प जरूर चुनें, अन्यथा पुरानी व्यवस्था के तहत मिलने वाली छूट का लाभ नहीं मिल सकेगा।केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने वित्तीय वर्ष शुरू होने से पहले ही आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए फार्म जारी कर दिए थे। पिछले वर्ष तक जब रिटर्न फाइल किया जाता था तो सिस्टम पूछता था कि नई व्यवस्था में रिटर्न फाइल करने के लिए टिक करें। इसमें टिक करने पर नई व्यवस्था और टिक न करने पर पुरानी व्यवस्था में रिटर्न फाइल होते थे। आयकर विभाग ने इस वर्ष व्यवस्था में बदलाव कर दिया है। अब सभी करदाताओं को नई व्यवस्था में डाल दिया है, इसलिए रिटर्न फाइल करते समय यह विकल्प आ रहा है कि अगर पुरानी व्यवस्था में रिटर्न फाइल करना है तो टिक करें। इसके साथ ही फार्म 10 आइईए भर कर देना है। अगर टिक नहीं करेंगे तो नई व्यवस्था का रिटर्न फाइल हो जाएगा। नई व्यवस्था में छूट की सुविधा नहीं है जो पुरानी में मिलती है। एमसएमई के सूक्ष्म व लघु उद्यमियों के जितने बिल का भुगतान बाकी है, उसकी जानकारी मांगी जा रही है। 



चार्टर्ड अकाउंटेंट सुनील के मुताबिक इसके साथ ही 80 डीडी के तहत बच्चों और बुजुर्ग माता-पिता के इलाज के लिए 50 हजार रुपये तक की छूट मिलती थी। इसमें कोई साक्ष्य नहीं देना पड़ता था। सिर्फ इस कालम में 50 हजार रुपये की छूट मांग ली जाती थी। अब इसके प्रमाण देने पड़ेंगे उनसे संबंध बताने के लिए आधार कार्ड भी देना होगा। इसके साथ ही पैन भी मांगा गया है।


दिव्यांगों को 80यू में 75 हजार रुपये की छूट मिलती थी। पहले इसके लिए कोई फार्म नहीं था, लेकिन अब फार्म भरना होगा। इसे भरना जरूरी है वरन यह 75 हजार की छूट नहीं मिलेगी। चार्टर्ड अकाउंटेंट शिवम ओमर के मुताबिक नए बदलावों पर ध्यान देना जरूरी है।