मास्साबों की गजब की कहानी: पांच वर्ष में एक दिन आया स्कूल… तो कोई आठ वर्ष में 800 दिनों से अधिक रहा लापता


उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में सरकारी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों की गजब कहानी सामने आई है। ये अधिकारियों से सांठगांठ करके वर्षों से छुट्टी पर चल रहे हैं। खास बात यह है कि लंबे समय से तत्कालीन बीएसए, एबीएसए को सभी जानकारी होने के बाद भी आंखें मूंदे रहे। 


एका ब्लाक के प्राइमरी सराय मटियारी की प्रधानाध्यापिका पांच साल में सिर्फ एक दिन ही नौकरी करने आई हैं। जबकि इसी ब्लॉक की एक शिक्षिका ने आठ साल में आठ सौ से ज्यादा अवकाश ले लिए। वहीं तीसरे मामले में एक शिक्षक लंबे समय से बिना सूचना के अनुपस्थित चल रहे हैं। बीएसए आशीष पांडेय के संज्ञान में मामला आया तो इनकी सेवा समाप्ति की संस्तुति की है।


केस एक

एका विकास खंड के प्राथमिक स्कूल सराय मटियारी की प्रधानाध्यापिका ममता कुमारी सालों से स्कूल नहीं आ रहीं। एबीएसए ने जांच की तो पाया कि प्रधानाध्यापिका ने एक जुलाई 2015 को कार्यभार ग्रहण करने के बाद 22 सितंबर से तीन अक्टूबर 2015 तक चिकित्सकीय अवकाश पर रहीं। छह फरवरी 2016 से पांच मार्च तक बाल्य देखभाल अवकाश पर रहीं। 

एक अप्रैल 2016 से 31 दिसंबर 2017 तक की उपस्थिति पंजिका विद्यालय में नहीं है। 13 अगस्त 2018 से सात अप्रैल 2022 तक अनुपस्थित रहीं। आठ अप्रैल को स्कूल में उपस्थित रहीं। नौ अप्रैल 2022 से लगातार गैरहाजिर रहीं तथा बाद में चिकित्सा प्रमाण पत्र देते हुए नौ अप्रैल से 23 अप्रैल का चिकित्सकीय अवकाश बताया। 

24 अप्रैल 2022 से अप्रैल 2024 तक अनुपस्थित चल रही हैं। 707 दिन से गैरहाजिर हैं। जांच में पता चला कि शिक्षिका ने सभी अवकाश भी ऑफलाइन लिए। चिकित्सकीय अवकाश को मानव संपदा पोर्टल पर नहीं चढ़ाया। 13 अगस्त 2018 से एक अप्रैल 2024 तक मात्र एक दिन ही स्कूल में कार्यभार ग्रहण करने आईं थी। बीएसए ने इनकी सेवाओं समाप्ति की संस्तुति करते हुए नोटिस जारी किया है।

केस दो

आठ साल में 800 से ज्यादा छुट्टियां

एका के उच्च प्राथमिक स्कूल मधीपुर में तैनात शिक्षिका श्वेता बंसल ने भी छुट्टियों में बड़ा खेल किया है। श्वेता बंसल ने 24 सितंबर 2015 को स्कूल में कार्यभार ग्रहण करने के बाद वह 21 जून 2022 से 17 दिसंबर 2022 तक 180 दिन प्रसूतकालीन अवकाश पर रहीं। विभाग की मानें तो शिक्षिका विदेश में रहती हैं। 19 दिसंबर 2022 से 24 फरवरी 2023 तक 68 दिन के मेडिकल अवकाश पर थीं। 

20 मार्च से 18 अप्रैल तक बाल्य देखभाल अवकाश पर रहीं। 24 अप्रैल से 16 जून तक चिकित्सकीय अवकाश व चार जुलाई से दो अगस्त तक बाल्य काल देखभाल अवकाश पर रहीं। आठ अगस्त से 12 सितंबर तक चिकित्सकीय अवकाश पर तथा 13 सितंबर 2023 से एक अप्रैल 2024 तक गैरहाजिर चल रही हैं। शिक्षिका ने कुल 663 छुट्टियां ली तो 201 दिन बगैर अवकाश के ही छुट्टी कर ली। बीएसए आशीष कुमार पांडेय ने सेवा समाप्ति के लिए नोटिस दिया है।

केस तीन

महीनों गैर सूचना के नदारद हैं शिक्षक

एका के ही कताना प्राथमिक स्कूल में तैनात शिक्षक जितेंद्र के खिलाफ ग्रामीणों ने शिकायत की। एबीएसए श्रीकांत पटेल प्रधानाध्यापक से आख्या मांगी। जांच में पाया कि शिक्षक जितेंद्र 27 फरवरी 2023 से 21 जून तक, 21 जून 2023 से 30 अगस्त 2023, एक सितंबर 2023 से 23 सितंबर 2023 तक बगैर सूचना अवकाश पर रहे। 

इसके बाद 13 अक्टूबर, 21 अक्टूबर 2023 से 26 अक्टूबर तक, 31 अक्टूबर, छह नवंबर 2023 से तीन अप्रैल 2024 तक बगैर किसी सूचना के गैरहाजिर चल रहे हैं। विभाग ने माना है कि शिक्षक की भी नौकरी में रुचि नहीं है। बेसिक शिक्षाधिकारी आशीष कुमार पांडेय ने सेवा समाप्ति की संस्तुति करते हुए शिक्षक को नोटिस भेज सात दिन में स्पष्टीकरण मांगा है।