आयकर किराए की रसीद और असल राशि में अंतर मिला

नई दिल्ली,। आयकर विभाग ने सोमवार को कहा उसने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए वेतनभोगी कर्मचारियों के भुगतान किए गए किराए और प्राप्तकर्ता को मिली राशि के बीच अंतर पाया है। विभाग ने उच्च मूल्य वाले मामलों में आंकड़ों का विश्लेषण किया है।



सीबीडीटी ने कहा वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कर्मचारी द्वारा भुगतान किए गए किराए व प्राप्तकर्ता को मिली राशि के बीच विसंगतियों वाले कुछ उच्च मूल्य के मामलों में आंकड़ों का विश्लेषण किया गया था। यह सत्यापन काफी कम मामलों में किया गया था।


छूट के लिए लगाते हैं रसीद: आवास किराया भत्ता वेतन आय या सीटीसी का हिस्सा होता है। इसकी गणना कर योग्य आय में की जाती है। यदि कोई कर्मचारी किराए के आवास में रहता है, तो वह वैध किराया रसीद जमा करके वर्ष में प्राप्त एचआरए के लिए आयकर छूट का दावा कर सकता है।