खेल-खेल में हल होंगे गणित के कठिन से कठिन सवाल


प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय


(इविवि) समेत चार विश्वविद्यालयों के शिक्षकों की टीम ने कक्षा छह, सात एवं आठ के विद्यार्थियों के लिए एक ऐसा उपकरण तैयार किया है, जो रोजमर्रा के - जीवन के आधार पर गणित के कठिन से कठिन सवालों को मिनटों में हल कर देगा। बच्चों को गणित में पारंगत करने के साथ


यह उपकरण उनकी प्रगति रिपोर्ट भी देगा। आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार इस उपकरण की डिजाइन के पेटेंट को भारत सरकार से मंजूरी मिल गई है।

- ने उपकरण को इलाहाबाद विश्वविद्यालय न (इविवि) के शिक्षाशास्त्र विभाग के शिक्षक - डॉ. मनीष कुमार गौतम, जामिया मिल्लिया , विश्वविद्यालय के प्रो. कौशल किशोर, । महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी व विश्वविद्यालय, वर्धा के डॉ. हरीश पांडेय और दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय

इविवि समेत चार विश्वविद्यालयों के शिक्षकों ने एआई की मदद से तैयार किया उपकरण भारत सरकार से डिजाइन के पेटेंट को मंजूरी, कक्षा छह से आठ तक के बच्चे करेंगे उपयोग के डॉ. किशोर कुमार की टीम ने तैयार किया है।

इसे 'गणित शिक्षण अधिगम उपकरण' नाम दिया गया है: डॉ. गौतम के अनुसार भारतीय लोकविद्या एवं विभिन्न नृजातीय समूह जैसे कुम्हार, बढ़ई, बुनकर इत्यादि की परंपरागत विद्या के माध्यम से गणित

शिक्षण अधिगम को रोचक एवं ज्ञानवर्धक रूप से विद्यार्थियों के सम्मुख प्रस्तुत करने के लिए यह उपकरण बनाया गया है। यह उपकरण कक्षा छह, सात एवं आठ के विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, जो अंकगणित और बीजगणित के कठिन से कठिन सवालों को आसान बना देगा।

किशोर कंप्यूटर आधारित इस उपकरण में आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल भी किया गया है, जो बच्चों को बताएगा कि उनकी लर्निंग कैसी है, वे गणित को बेहतर कैसे कर सकते हैं, इसके लिए उन्हें क्या करना है। इसके साथ ही रोज बच्चों की प्रगति रिपोर्ट भी देगा। इस



उपकरण में अभिप्रेरणा, पुरस्कार और प्रगति ट्रैकिंग जैसे गेमिफिकेशन तत्व शामिल हैं, जो विद्यार्थियों को लक्ष्य निर्धारित करने, उनकी उपलब्धियों की निगरानी करने और निरंतर सुधार के लिए प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।


पढ़ाई में काम आएगा बढ़ई और कुम्हार का गणित

डॉ. मनीष बताते हैं कि कुम्हार बढ़ाई, बुनकर आदि परंपरागत ढंग से जो उत्पाद बनाते हैं, उन्हें किसी स्केल से नहीं मापा जाता। इसके बाद भी उनके द्वारा तैयार उत्पाद में कोई कमी नहीं दिखती। बच्चों को क्षेत्रफल, घनत्व, परिधि आदि के सूत्र रटा दिए जाते हैं लेकिन उन्हें ठीक से पता भी नहीं होता कि क्षेत्रफल, घनत्व एवं परिधि का मतलब क्या है और इसका व्यावहारिक उपयोग कैसे होता है। गणित शिक्षण अधिगम उपकरण बच्चों को दैनिक जीयन में गणित का सटीक उपयोग करना सिखाएगा।