लखनऊ। सोमवार (एक अप्रैल) से प्रदेश का खेल सत्र शुरू हो गया, लेकिन अंशकालिक प्रशिक्षकों को तैनाती के लिए अभी और इंतजार करना होगा। विभागीय सूत्रों की माने तो इस संबंध में प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। अगले दस से 15 दिन के भीतर चार सौ के करीब प्रशिक्षकों को तैनात किया जाएगा। इस प्रशिक्षकों के गत वर्ष दिसंबर और इस वर्ष जनवरी माह के बकाये वेतन का भुगतान भी अगले दो-तीन दिनों में किए जाने की उम्मीद है।
बताते चले खेल विभाग की ओर से प्रदेश के तकरीबन सभी जिलों में अंशकालिक प्रशिक्षकों का सत्र प्रत्येक वर्ष अप्रैल माह से शुरू होकर जनवरी माह तक संचालित किया जाता है। अमूमन सत्र समय से शुरू नहीं हो पाता है, लेकिन समय से खत्म अवश्य कर दिया जाता है। इस बार खेल विभाग ने समय से खेल प्रशिक्षण शिविर शुरू करने की बात - कही थी, लेकिन आउटसोर्सिंग प्रक्रिया के तहत - प्रक्रिया संचालित होने के कारण इस बार भी कुछ - विलंब हो गया। साथ ही दिसंबर और जनवरी माह के दौरान अंशकालिक प्रशिक्षकों को वेतन न मिलने
से मामला और भी बिगड़ गया। इस बात पर तमाम खेल प्रशिक्षकों ने रोष भी जताया और आउटसोर्सिंग कंपनी के अलावा खेल विभाग के चक्कर भी काटे, लेकिन सबको निराशा मिली।
इन सब विवादों के बीच राजधानी लखनऊ में खेल प्रोत्साहन समिति के माध्यम से अंशकालिक प्रशिक्षकों को पंद्रह हजार रुपए प्रतिमाह देकर कैंप संचालित किया गया, लेकिन अन्य जिलों में फरवरी और मार्च माह में खेल गतिविधियां लगभग ठप रही।
हमारी ओर से शासन को प्रदेश के 400 अंशकालिक प्रशिक्षकों की तैनाती का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। स्वीकृति मिलते ही उन्हें पूर्व में संबंधित जिलों में संचालित खेल प्रशिक्षण शिविरों में तैनाती दे दी जाएगी। जहां तक दिसंबर-जनवरी माह में बकाया वेतन का सवाल है तो शासन ने इसका आधा बजट मिल गया है। जल्द ही प्रशिक्षकों के खाते में पैसा ट्रांसफर हो जाएगा। डॉ. आरपी सिंह (खेल -निदेशक, यूपी)