नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार पूर्ण बजट में राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) सदस्यों को राहत देने के लिए कई रियायती घोषणाएं कर सकती है। इसके तहत एनपीएस योगदान पर कर छूट सीमा को बढ़ाकर 12 फीसदी किया जा सकता है, जो अभी 10 फीसदी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को बजट पेश करेंगी।
पेंशन नियामक ने की सिफारिश पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए ने इसी साल सरकार से यह कर छूट देने की सिफारिश की है। नियामक का कहना है कि कर के मामले में ईपीएफओ और एनपीएस में असमानता है। एनपीएस में मूल वेतन और महंगाई भत्ते पर 10 की कर छूट दी जाती है, जबकि ईपीएफओ के मामले में यह 12 है। वहीं, सरकारी कर्मचारियों के मामले में यह सीमा 14 है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार इस प्रस्ताव पर विचार कर सकती है। कर मोर्चे पर भी नौकरीपेशा वर्ग को उम्मीद है कि मानक कटौती की सीमा को बढ़ाया जा सकता है।
निजी कर्मचारियों को होगा बड़ा फायदा
अभी ईपीएफ खाते में नियोक्ता और कर्मचारी का 12-12 फीसदी अंशदान होता है। इस पर कर छूट भी मिलती है। वहीं, एनपीएस में निजी क्षेत्रों को 10 फीसदी अंशदान पर ही कर छूट दी जाती है। पीएफआरडीए ने इस छूट को 12 फीसदी करने की सिफारिश की है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सरकार एनपीएस में नियोक्ता के योगदान की सीमा बढ़ा देती है तो इससे निजी क्षेत्रों के कर्मचारियों और सरकारी कर्मियों के बीच फर्क खत्म हो जाएगा।