प्रयागराज, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में बिना मान्यता के चल रहे प्राथमिक विद्यालयों की प्रदेश सरकार से जानकारी मांगी है।
कोर्ट ने यह भी पूछा है कि ऐसे विद्यालयों पर सरकार क्या कार्रवाई कर रही है। कोर्ट ने इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए कहा कि बिना मान्यता के स्कूलों का संचालन बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है। लाखीमपुर खीरी के इद्दू की जनहित याचिका पर न्यायमूर्ति आलोक माथुर और न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ ने यह आदेश दिया। कोर्ट ने प्रदेश सरकार को चार सप्ताह में रिपोर्ट को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। जनहित याचिका में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 व उत्तर प्रदेश निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम 2011 के तहत मान्यता प्राप्त किए बिना चलाए जा रहे स्कूलों पर कार्रवाई की मांग की गई है। याची का कहना है कि बिना मान्यता वाले स्कूलों के संचालन के संबंध में प्रमुख सचिव, शिक्षा, उत्तर प्रदेश लखनऊ से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।