30 May 2025

1066 कॉलेजों में बीएड व डीएलएड के प्रवेश पर रोक




लखनऊ, प्रदेश में बीएड व डीएलएड कोर्स चला रहे 1066 कॉलेजों के दाखिले पर तलवार लटक गई है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने ऑनलाइन परफॉर्मेंश अप्रेजल रिपोर्ट (पीएआर) न भरने वाले और मानकों के साथ खिलवाड़ करने वाले इन संस्थानों में वर्ष 2025-26 में प्रवेश पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। जिसमें से 50 कॉलेज ऐसे हैं, जहां एनसीटीई की ओर से भेजा गया नोटिस डाक विभाग की ओर से यह कहकर वापस कर दिया गया कि जिन पते पर इन्हें भेजा गया है, वहां यह कॉलेज नहीं हैं। बीते दिनों एनसीटीई की नॉर्दन रीजन की मीटिंग में देश भर में ऐसे 2767 कॉलेजों के प्रवेश पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं।



कॉलेजों की गुणवत्ता व मानकों के अनुसार संस्थान चल रहे हैं, इन्हें आंकने के लिए पीएआर ऑनलाइन भरवाई जाती है। वर्ष 2021-22 व वर्ष 2022-23 की ही पीएआर इन कॉलेजों ने नहीं जमा की। यही नहीं कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद इन्हें 15 दिनों का समय अपना पक्ष रखने के लिए दिया गया उस पर भी इन संस्थानों ने कोई जवाब नहीं दिया। उत्तर प्रदेश के 1066 में से 50 कॉलेजों के पते पर भेजी गई नोटिस बैरंग वापस लौट आई। 212 संस्थानों ने वर्ष 2021-22 और वर्ष 2022-23 की पीएआर रिपोर्ट ऑनलाइन न जमा किए जाने के बावजूद लापरवाही बरती और एनसीटीई को जवाब नहीं दिया। वहीं 804 कॉलेज ऐसे हैं, जिन्होंने एनसीटीई की ओर से पीएआर रिपोर्ट न जमा करने पर नोटिस जारी कर 15 दिनों में जवाब मांगा तो इन्होंने भी कोई जवाब देना मुनासिब नहीं समझा। प्रदेश में रविवार को बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी की ओर से बीएड की प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाना है। जिसमें 3.33 लाख विद्यार्थी शामिल होंगे। उससे पहले एनसीटीई ने बीएड व उसके साथ डीएलएड कोर्स चला रहे कॉलेजों पर चाबुक चला दिया है।


पीएआर मॉड्यूल

मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों की जवाबदेही तय करने के लिए पीएआर मॉड्यूल लागू किया गया है। जिसे मान्यता प्राप्त संस्थाएं दाखिल करती हैं। वह बताती हैं कि वह एनसीटीई के सभी मापदंडों व मानकों का पालन कर रहीं हैं या नहीं। अगर रिपोर्ट के अनुसार मानक में कोई कमी होती है तो फिर उस कॉलेज का विशेषज्ञ कमेटी निरीक्षण करती है। सरकारी संस्थानों को पांच हजार, निजी को 15 हजार पीएआर की प्रॉसेसिंग फीस जमा करना जरूरी होता है। इन संस्थाओं ने उसे जमा नहीं किया।