30 May 2025

निजी स्कूलों ने डेढ़ माह बाद भी नहीं दिया जवाब


लखनऊ। राजधानी में सीबीएसई बोर्ड और सीआईएससीई से संबद्ध कई निजी स्कूलों ने राज्य सरकार की एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) की शर्तों को नजरअंदाज कर रखा है। इन स्कूलों को जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) की ओर से 8 अप्रैल को नौ बिंदुओं पर जवाब देने का नोटिस भेजा गया था, लेकिन डेढ़ माह से अधिक समय बीतने के बावजूद किसी भी स्कूल ने जवाब नहीं दिया है।



राज्य से बाहर के बोर्डों से मान्यता प्राप्त विद्यालयों को संचालन के लिए प्रदेश सरकार से एनओसी लेना अनिवार्य होता है। यह एनओसी इस शर्त पर दी जाती है कि स्कूल प्रबंधक राज्य सरकार के सभी निर्देशों का पालन करेंगे। हालांकि, कई प्रबंधक ऐसे हैं जो निर्देशों को दरकिनार कर स्कूलों का संचालन कर रहे हैं। इसमें आरटीई एक्ट का उल्लंघन और पंजीकृत सोसाइटी का नवीनीकरण न कराना प्रमुख रूप से शामिल है।



सरकारी नियमों से बाहर नहीं हो सकते

स्कूल : निजी स्कूलों को यह भी सुनिश्चित करना होता है कि कम से कम 10 प्रतिशत सीटें अनुसूचित जाति व जनजाति के मेधावी छात्रों के लिए आरक्षित रहें। इन छात्रों से ली जाने वाली फीस की सीमा भी राज्य शिक्षा परिषद तय करता है। विभाग को शिकायतें मिली हैं कि कई स्कूल इन नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं और अधिक शुल्क वसूल रहे हैं।


 कोई भी सरकार की शर्तों से बाहर नहीं हो सकता। एनओसी की शर्तों का पालन न करने वाले स्कूलों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

राकेश कुमार पांडेय, जिला विद्यालय निरीक्षक