लखनऊ : अगले साल होने वाले
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण को लेकर अभी से ग्रामीण क्षेत्रों में कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है। पूर्व के चुनावों में आरक्षण की व्यवस्था देखते हुए माना जा रहा है कि सीटों का आरक्षण बदलेगा, जो सीटें जिस वर्ग के लिए आरक्षित हैं वे सीटें उस वर्ग के लिए नहीं रहेंगी। पंचायती राज विभाग की मौजूदा तैयारियों के मुताबिक आरक्षण तय करने का काम अक्टूबर में शुरू होने की उम्मीद है।
सीटों के आरक्षण को लेकर चल रही कयासबाजी के बीच सबकी निगाहें
ओबीसी आरक्षण के लिए समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन पर टिकी हैं। इसके गठन होने पर कम से कम तीन महीने आयोग को देना होगा। आयोग का गठन यदि इसी महीने सरकार करती है तो अक्टूबर में सीटों का आरक्षण तय करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इधर चर्चा यह भी तेजी से चल रही है कि सरकार आयोग के गठन से पीछे हट सकती है। केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणणना कराए जाने के फैसले को इसका कारण माना जा रहा है। फिलहाल आरक्षण तय करने की पुरानी व्यवस्था