गर्भावस्था के दौरान पैरासिटामोल लेने से संतान में आटिज्म और अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर सहित तंत्रिका-विकास संबंधी विकार होने की आशंका बढ़ सकती है। यह जानकारी एक शोध में सामने आई है। अमेरिका के माउंट सिनाई स्थित इकान स्कूल आफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने कई देशों के एक लाख से अधिक प्रतिभागियों पर आधारित 46 पूर्व प्रकाशित अध्ययनों का विश्लेषण किया। यह निष्कर्ष बायोमेड सेंट्रल पत्रिका में प्रकाशित किया गया।
माउंट सिनाई स्थित इकान स्कूल आफ मेडिसिन में जनसंख्या स्वास्थ्य विज्ञान और नीति, पर्यावरण चिकित्सा और जलवायु विज्ञान के सहायक प्रोफेसर डिडियर प्रादा ने कहा कि निष्कर्ष बताते हैं कि उच्च-गुणवत्ता वाले अध्ययनों में प्रसवपूर्व एसिटामिनोफेन के संपर्क और आटिज्म और एडीएचडी के बढ़ते जोखिमों के बीच संबंध पाए गए हैं। यह शोधपत्र उन जैविक तंत्रों की भी पड़ताल करता है, जो एसिटामिनोफेन के उपयोग और इन विकारों के बीच संबंध की व्याख्या कर सकते हैं। कुछ अध्ययनों में गर्भावस्था के दौरान
पैरासिटामोल के उपयोग और बच्चों में प्रजनन और मूत्रजननांगी समस्याओं के बीच एक संभावित संबंध पाया गया है। शोधकर्ताओं ने बताया कि एसिटामिनोफेन पैरासिटामोल प्लेसेंटल बाधा को पार करने के लिए जाना जाता है और यह आक्सीडेटिव तनाव को ट्रिगर कर सकता है। साथ ही हार्मोन को बाधित कर सकता है और एपिजेनेटिक परिवर्तन पैदा कर सकता है जो भ्रूण के मस्तिष्क के विकास में बाधा डालते हैं। दुनिया भर में आटिज्म व एडीएचडी के मामलों में वृद्धि होने का अनुमान है, इसलिए निष्कर्ष स्वास्थ्य नीति और नैदानिक दिशा-निर्देशों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। (प्रेटू)