कान्वेंट स्कूलों को टक्कर दे रहे सरकारी स्कूल
बदायूं, । जिले के परिषदीय स्कूल कान्वेंट स्कूलों को टक्कर दे रहे हैं। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के प्रयास से स्कूलों की तस्वीर बदल उठी है, वहीं शिक्षण कार्य भी बेहतर ढंग से किया जा रहा है। शिक्षकों ने स्कूल का वातावरण भी हराभरा बना रखा है। जिले में 2,155 परिषदीय स्कूल हैं, जो कि लगातार बदलाव की ओर हैं, इनमें से कुछ ऐसे स्कूल हैं, जिनके शिक्षक-शिक्षिकायें अपने वेतन का कुछ हिस्सा हर माह स्कूल को बेहतर बनाने एवं बच्चों की पढ़ाई पर खर्च कर देते हैं। जिले में ऐसे भी कई स्कूल हैं जिनके शिक्षकों ने विभागीय एवं खुद के साथ ही समुदाय के सहयोग से विद्यालयों को सुंदर बना रखा है।
इसकी वजह से बेसिक स्कूलों में कान्वेंट छोड़कर अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला करा रहे हैं। उत्कृष्ट शिक्षकों में उझानी ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय रहमुद्दीननगर की सहायक अध्यापक अर्चना सिंह, सालारपुर ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय सिंगरौरा के इंचार्ज प्रधानाध्यक सचिन सक्सेना, संविलियन विद्यालय लाही फरीदपुर के शिक्षिका आयुषी पाराशरी, म्याऊं ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय ढका के सहायक अध्यापक रविंद्र कुमार आदि का नाम आता है। इन शिक्षकों के प्रयास से स्कूलों में बढ़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। बच्चों के लिये बाल मैत्रिक माहौल तैयार करके शिक्षा दी जाती है। इसके साथ ही टीएलएम एवं कंप्यूटर वीडियो के माध्यम से भी बच्चों को शिक्षित किया जा रहा है। अर्चना सिंह वैदिक विधि से बच्चों को गणित पढ़ाती हैं। कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय पापड़ में सहायक अध्यापक ऋतु सक्सेना कविताओं के माध्यम से पढ़ाती हैं। नवीन गतिविधियां अपनाते रवेंद्र कुमार म्याऊं ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय ढका प्राचीन के सहायक अध्यापक रवेंद्र कुमार सैनी बच्चों को सुंदर टीएलएम तैयार करके पढ़ाते हैं, वह बच्चों की कॉपी भी स्वयं तैयार करते हैं और वह बच्चों को पढ़ाने में नवीन गतिविधियां प्रयोग करते हैं। उनके बच्चों के लिए तत्कालीन डीएम दिनेश कुमार सम्मानित कर चुके हैं। वैदिक विधि से गणित पढ़ा रहीं अर्चना उझानी ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय रहमुद्दीनगर में तैनात सहायक अध्यापक अर्चना सिंह वर्ष 2020 में आयी थीं, यहां पर उनकी विभाग में पहली पोस्टिंग थी। वह तब से बच्चों के लिए वैदिक विधि से गणित पढ़ा रही हैं। जो बच्चे गणित को कठिन समझते थे वह अब कुछ ही सेकेंड में सवाल हल कर देते हैं। स्कूल में शिवओम ने बढ़ायी उपस्थिति सालारपुर ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय तिसंगा के इंचार्ज प्रधानाध्यापक शिवओम शर्मा ने करीब दो साल पहले स्कूल में चार्ज लिया था, उस दौरान यहां केवल 14 बच्चे पंजीकृत थे, लेकिन आज उसी स्कूल में 67 बच्चे पंजीकृत हैं, इनमें भी 60 से 65 बच्चे आते हैं। स्कूल में माहौल एक दम हरा भरा कर दिया है। वेतन से सेब एवं कीबी खिलाते आशीष सालारपुर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय अहरुईया के प्रधानाध्याक आशीष गुप्ता के प्रयास से प्रतिदिन बच्चे 80 फीसदी आते हैं। इनका स्कूल कायाकल्प में काफी आगे है। इसके साथ ही यहां पर मिड डे मील में बच्चों के लिए लजीज व्यंजन जैसा भोजन दिया जाता है। आशीष अपने वेतन से बच्चों को सेब एवं कीबी जैसे फल खिलाते हैं। टीएलएम से पढ़ाती हैं आयुषी सलारपुर ब्लॉक के संविलयन विद्यालय लाही फरीदपुर की सहायक अध्यापक आयुषी पारासरी टीएलएम का प्रयोग करती हैं। इसके माध्यम से बच्चे जल्दी सीख जाते हैं। आयुषी कई नवाचार भी कर चुकी हैं। वह बच्चों को पढ़ाई के दौरान आसान गतिविधियां अपनाकर पढ़ाती हैं। उनका विद्यालय काफी बेहतर बन चुका है। ठोस, द्रव कविताओं के माध्यम से बता रहीं ऋतु कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय पापड़ में सहायक अध्यापक ऋतु सक्सेना छह सितंबर 2013 से इस विद्यालय में योगदान दे रही हैं। ऋतु बच्चों को लिये ठोस, बल, दृव्य के अलावा गणित के सूत्र कविताओं के माध्यम से सिखाती हैं। वह कवितायें स्वयं तैयार करती हैं और उन्हीं के माध्यम से बच्चों को गणित एवं विज्ञान सिखाती हैं।