केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (UPS) से जुड़े नियमों को अधिसूचित कर दिया है। कार्मिक मंत्रालय ने गुरुवार को जानकारी दी कि इन नियमों के अंतर्गत कर्मचारियों को कई नई सहूलियतें मिलेंगी, जिनमें जल्दी सेवानिवृत्ति और योजना बदलने के विकल्प भी शामिल हैं।
क्या हैं मुख्य प्रावधान?
कर्मचारियों को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) से UPS में बदलने की सुविधा दी जाएगी। यह विकल्प वे निर्धारित सेवानिवृत्ति तिथि से एक साल पहले या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेने से तीन महीने पहले तक अपना सकते हैं।
नियमों में कर्मचारी व सरकार दोनों के अंशदान, पंजीकरण में देरी पर मिलने वाले मुआवजे तथा सेवा के दौरान मृत्यु या दिव्यांगता की स्थिति में लाभ का स्पष्ट प्रावधान किया गया है।
सेवानिवृत्ति के विभिन्न कारणों — जैसे अनिवार्य रिटायरमेंट, इस्तीफा, सुपरऐन्युएशन, समयपूर्व या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति — पर मिलने वाले लाभों को भी नियमों में परिभाषित किया गया है।
सेवा अवधि पर बड़ा बदलाव
अब तक कर्मचारियों को नियमित 25 वर्ष की सेवा पूरी करने पर रिटायरमेंट लाभ मिलता था, लेकिन नए नियमों के तहत यह अवधि घटाकर 20 वर्ष कर दी गई है। इसे कर्मचारियों के हित में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
संगठनों की प्रतिक्रिया
अखिल भारतीय NPS कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल ने अधिसूचना का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि 20 वर्षों की सेवा के बाद रिटायरमेंट लाभ का प्रावधान निश्चित रूप से कर्मचारियों के लिए ऐतिहासिक मील का पत्थर है और लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करता है।
कब से लागू होंगे नियम?
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने UPS को शुरू करने की मंजूरी पिछले साल 24 अगस्त को दी थी, और वित्तीय सेवा विभाग ने इसे 24 जनवरी, 2025 को अधिसूचित किया था। नई योजना 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी।