राज्य में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर एक महत्वपूर्ण बहस सामने आई है। सरकारी नौकरियों में भर्ती हेतु आवश्यक योग्यता पूर्व सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है, और उसी योग्यता को पूरा करने वाले उम्मीदवारों की भर्ती होती है। प्रदेश सरकार समय-समय पर पात्रता मापदंड तय करती है और जो अभ्यर्थी इन मापदंडों को पूरा करते हैं, उन्हें नियुक्त किया जाता है।
भर्ती प्रक्रिया: समय के साथ योग्यता का बदलाव
बीते वर्षों में हाईस्कूल बीटीसी, इंटर बीटीसी, स्नातक बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी, स्नातक बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी, बीएड आदि जैसी योग्यताओं के आधार पर शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। यदि 25-30 साल पहले निर्धारित योग्यता पर नियुक्त शिक्षकों पर आज की भर्ती योग्यता थोपने का प्रयास किया जाता है तो यह केवल "काला कानून" ही कहलाएगा।
एनसीटीई के गाइडलाइन पर सवाल
23 अगस्त 2010 की एनसीटीई गाइडलाइन में संशोधन को लेकर प्रश्न उठे हैं कि यह हजारों शिक्षकों के साथ छल-कपट और धोखा है, जिसे देश के शिक्षक स्वीकार नहीं करेंगे। सरकार से अपील की गई है कि अन्याय के विरोध में शिक्षकों को सड़क पर आने के लिए मजबूर न किया जाए और इस काले कानून को वापस लिया जाए।
23 अगस्त 2010 की एनसीटीई गाइडलाइन में संशोधन को लेकर प्रश्न उठे हैं कि यह हजारों शिक्षकों के साथ छल-कपट और धोखा है, जिसे देश के शिक्षक स्वीकार नहीं करेंगे। सरकार से अपील की गई है कि अन्याय के विरोध में शिक्षकों को सड़क पर आने के लिए मजबूर न किया जाए और इस काले कानून को वापस लिया जाए।
शिक्षक हितों की रक्षा की मांग
शिक्षक समुदाय ने भारत सरकार से अनुरोध किया है कि वह पूर्व निर्धारित योग्यता के अनुसार चयनित शिक्षकों के हितों की रक्षा करे और देश के भविष्य निर्माता शिक्षकों के साथ न्याय करे।
जानिए क्या कहते हैं शिक्षक नेता जी