लखनऊः सेवारत शिक्षकों को सेवा में बनाए रखने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता के विरोध में अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने न्यायिक संघर्ष का एलान किया है। संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार पांडे की अध्यक्षता में सोमवार को हुई आनलाइन बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर पूरे दमखम से इस फैसले का विरोध किया जाएगा। बैठक में मंडलीय और जिला पदाधिकारियों ने भी भाग लिया। तय हुआ कि शिक्षकों की सेवा सुरक्षित
रखने के लिए सड़क से संसद तक संघर्ष किया जाएगा। न्यायालय में मजबूत तथ्यों के आधार पर पैरवी की जाएगी और सेवारत शिक्षकों के पक्ष में हर स्तर पर आवाज उठाई जाएगी। संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि 15 अक्टूबर तक शिक्षक काली पट्टी बांधकर विद्यालयों में शिक्षण कार्य करेंगे। इसी अवधि में टीईटी अनिवार्यता के विरोध में हस्ताक्षर अभियान भी जारी रहेगा। शिक्षक केंद्र से इस अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। समय रहते सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाए, तो दिल्ली कूच का आंदोलन शुरू किया जाएगा।