सीतापुर प्रकरण की जांच को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के सामने आया पीएसपीएसए उन्नाव, न्याय की हुई मांग
उन्नाव। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन उन्नाव की जिला कार्यकारिणी सीतापुर में शिक्षक को जेल किए जाने और बीएसए पर लगे आरोपों के बावजूद पद पर बने रहने को लेकर उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के पास शिक्षकों को न्याय दिलवाने की मांग करने पहुंची। शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों ने विधानसभा अध्यक्ष को बृजेंद्र वर्मा का पूरा प्रकरण, उन पर दबाव डालकर शिक्षिका को उपस्थित दिखाने का प्रयास करवाने और शिक्षक के साथ बीएसए कार्यालय में अभद्रता करने की पूरी जानकारी दी। शिक्षक के ऊपर कार्यालय के बाबुओं के द्वारा भीषण हमले के बावजूद, अकेले शिक्षक को जेल भेज दिए जाने पर सवाल खड़ा किया। जिलाध्यक्ष संजीव संखवार
और मांडलिक मंत्री प्रदीप कुमार वर्मा ने सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल पूछते हुए कहा कि एकतरफा कार्रवाई न करके दोनों पक्षों की पूरी जांच की जानी चाहिए। बीएसए को पद पर बने रहने पर घटना की निष्पक्ष जांच पर प्रश्न उठाए। संजीव ने कहा कि शिक्षक केवल पढ़ाने वाले नहीं, बल्कि भविष्य निर्माता होते हैं। वे हमें ज्ञान, मूल्य, प्रेरणा और जीवन की दिशा देते हैं। इसी कारण शिक्षक को गुरु, आचार्य और समाज की आत्मा कहा गया है, फिर उसी पर दबाव बनवाकर शिक्षिका की फर्जी उपस्थिति दिखाने जैसा कार्य सरकारी
धन का दुरुपयोग करना है। प्रदीप ने शिक्षक की मानसिक स्थिति बिगड़ने और स्थितियां बदतर होने पर चिंता व्यक्त की। कोषाध्यक्ष अमित तिवारी ने शिक्षक पर बार बार तीन साल और दस साल के ब्यौरे देने, सेल्फी मांगने और अभद्रता को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के सम्मुख प्रश्न खड़ा किया। विद्यालय के बच्चों और अभिभावकों के बयान को दरकिनार कर देने पर जिला संरक्षक नरेंद्र सिंह ने बड़ी पीड़ा बताया। पीएसपीएसए उन्नाव की बात सुनकर अध्यक्ष सतीश महाना ने पूरे प्रकरण में दोषियों को कड़ी सजा दिलवाने की बात कही, हालांकि शिक्षक पर हुए घटना की उन्होंने निंदा करते हुए चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि पद पर बने रहने वाले बीएसए सीतापुर के द्वारा अगर शिक्षक पर अनर्गल दबाव डाले गए हैं तो बक्शा उसे भी नहीं जाएगा।