नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर 75 हजार नई मेडिकल सीट सृजित करने के संकल्प के अनुरूप महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने वर्ष 2024-25 के लिए 10,650 नई एमबीबीएस सीट को मंजूरी दी है। यह वृद्धि चिकित्सा शिक्षा की उपलब्धता बढ़ाने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। एनएमसी प्रमुख डॉ. अभिजात सेठ ने बताया कि 41 नए मेडिकल कॉलेज के जुड़ने से देश में कुल चिकित्सा संस्थान 816 हो गए हैं।
अब 2024-25 शैक्षणिक वर्ष के लिए कुल एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़कर 1,37,600 हो जाएगी, जिसमें राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों (आईएनआई) की सीट भी शामिल हैं। स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रमों के लिए, एनएमसी को नई और नवीनीकृत सीटों के लिए 3,500 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। डॉ. सेठ ने कहा कि आयोग को लगभग पांच हजार पीजी सीट की वृद्धि की उम्मीद है, जिससे देशभर में कुल पीजी सीट 67 हजार हो जाएगी। इस वर्ष यूजी-पीजी दोनों सीट में वृद्धि लगभग 15,000 होगी। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि ये प्रक्रियाएं निर्धारित समय-सीमा में पूरी कर ली जाएंगी। आगामी वर्ष के लिए मान्यता, परीक्षाओं और सीट मैट्रिक्स का विवरण देने वाला खाका प्रकाशित किया जाएगा।
मानसिक दिव्यांगों को भी मिल सकता है आरक्षण
नई दिल्ली। मेडिकल एजुकेशन में दिव्यांगजनों को आरक्षण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने हाल में एक अंतरिम गाइडलाइन जारी की है। इसमें कई श्रेणियों के दिव्यांगों के लिए मौके प्रधान किए गए हैं। गाइडलाइन में कहा गया कि मानसिक रूप से दिव्यांगों को भी आरक्षण प्रदान किया जाएगा, लेकिन अभी इसके आकलन के लिए पर्याप्त मानक उपलब्ध नहीं हैं। चिकित्सा आयोग के विशेषज्ञ दुनिया भर के मानकों का अध्ययन के बाद इसे लागू करेंगे। दरअसल, दिव्यांगों को पांच श्रेणी में आरक्षण देने की बात कही गई है। मौजूदा नियमों के तहत कुल 5 फीसदी आरक्षण दिव्यांगों को दिया जा सकता है, जिसमें सभी श्रेणियों के उम्मीदवार शामिल हैं। इसके लिए पांच श्रेणियों में दिव्यांगता को विभाजित किया है।