‘कंप्यूटरजी’ बना रहे प्रश्नपत्र, लीक की गुंजाइश खत्म
कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं में कंप्यूटरजी के उपयोग ने पेपर लीक की गुंजाइश खत्म कर दी है। एसएससी की परीक्षाओं में तकनीक का उपयोग बढ़ाते हुए अब कंप्यूटर आधारित प्रथम चरण के प्रश्नपत्र परीक्षा से पांच मिनट पहले बनाए जा रहे हैं। आयोग ने विशेषज्ञों की सहायता से विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के लिए लाखों प्रश्नों का बैंक तैयार कर रखा है। आयोग सभी भर्ती की प्रथम चरण की परीक्षाएं कंप्यूटर आधारित करवाता है।
परीक्षा के लिए कंप्यूटर को खास एलगोरिद्म कमांड (एक स्टेप-बाय-स्टेप तरीका जो बताता है कि कोई कार्य कैसे किया जाएगा) दिया जाता है जिसमें किस विषय के कितने प्रश्न और किस कठिनाई स्तर के होंगे आदि देते हैं। उसके बाद कंप्यूटर प्रश्नबैंक से प्रश्नपत्र तैयार करता है और परीक्षा से ठीक पांच मिनट पहले अभ्यर्थी को भेज दिया जाता है। एक परीक्षा के जो प्रश्नपत्र बनते हैं वह भी आगे-पीछे होते हैं और उनके विकल्प में भी फेरबदल कर दिया जाता है, ताकि अगल-बगल बैठे परीक्षार्थी तक किसी प्रकार का अनुचित लाभ न ले सकें।
कौन से प्रश्न पूछे जाएंगे किसी को जानकारी नहीं
पारंपरिक व्यवस्था में भर्ती आयोग प्रश्नपत्र का दो-तीन सेट बनवाकर प्रिंटिंग प्रेस को छपने के लिए भेजते हैं। उसके बाद पेपर छपवाकर परीक्षा केंद्रों को भेजे जाते हैं। वैसे तो परंपरागत व्यवस्था में भी काफी सावधानी बरती जाती है, लेकिन अधिकांश मामलों में परीक्षा केंद्र से प्रश्नपत्र आउट हो जाते हैं। इससे बचने के लिए एसएससी ने तकनीक का सहारा लिया है। खास बात यह है परीक्षा में कौन से प्रश्न पूछे जाएंगे इसकी जानकारी न तो आयोग के किसी अधिकारी को होती है और न ही किसी दूसरे व्यक्ति को। एसएससी मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव के अनुसार कंप्यूटर की मदद से प्रश्नपत्र बनवाने से परीक्षा की शुचिता बढ़ी है