24 October 2025

संपत्ति किसे-कितनी मिलेगी खाताधारक तय कर सकेगा, नामांकन में विकल्प होंगे

नई दिल्ली। बैंकों के ग्राहक अपने खाते में चार व्यक्तियों तक को नामित यानी नॉमिनी बना सकेंगे। अब ग्राहक यह तय कर सकेंगे कि उनका पैसा या सुरक्षित रखी संपत्ति किसे मिले और कैसे बांटी जाए। नई व्यवस्था एक नवंबर, 2025 से लागू हो जाएगी। बैंक ग्राहक खातों में एक साथ या क्रमवार ढंग से चार व्यक्तियों तक को नॉमिनी बना सकते हैं। 


अब बैंकों के ग्राहक अपने खाते में चार व्यक्तियों तक को नामित यानी नॉमिनी बना सकेंगे। अब ग्राहक यह तय कर सकेंगे कि उनका पैसा या सुरक्षित रखी गई संपत्ति किसे मिले और किस तरह बांटी जाए। नई व्यवस्था एक नवंबर, 2025 से लागू हो जाएगी।


वित्त मंत्रालय के मुताबिक, बैंक ग्राहक अपने खातों में एक साथ या क्रमवार ढंग से चार व्यक्तियों तक को नॉमिनी बना सकते हैं। इससे खाताधारक या उनके वैध उत्तराधिकारियों को दावा निपटान में सुविधा होगी।


ग्राहक प्रत्येक नॉमिनी का हिस्सा या प्रतिशत भी निर्धारित कर सकेंगे, ताकि कुल हिस्सेदारी 100 प्रतिशत हो और किसी भी तरह के विवाद की गुंजाइश न रहे। इसका उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली में दावों के निपटान की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, समान और प्रभावी बनाना है।


वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम, 2025 को 15 अप्रैल, 2025 को अधिसूचित किया गया था। इसके तहत पांच कानूनों में कुल 19 संशोधन किए गए हैं। मंत्रालय ने कहा, बैंकिंग कंपनियां (नामांकन) नियम, 2025 भी आने वाले समय में अधिसूचित किए जाएंगे। इनमें नामांकन करने, निरस्त करने या बहु-नामांकन की प्रक्रिया और उसके लिए जरूरी कागजात का विवरण होगा। इन प्रावधानों से बैंक जमाकर्ताओं को अपनी पसंद के हिसाब से नॉमिनी बनाने में लचीलापन मिलेगा।


नामांकन में विकल्प होंगे

● एक साथ नामांकन: खाताधारक चार लोगों को नॉमिनी बना सकता है और प्रत्येक का हिस्सा (शेयर या प्रतिशत) तय कर सकता है। यह सुनिश्चित करना होगा कि कुल हिस्सा 100 प्रतिशत के बराबर हो।


● क्रमवार नामांकन: इसमें दूसरा नॉमिनी तभी सक्रिय होगा जब पहले नॉमिनी का निधन हो जाएगा। यह सुविधा जमा खाते, सेफ कस्टडी और लॉकर सर्विसेज के लिए लागू होगी।


● लॉकर में केवल क्रमवार नामांकन: बैंक में सुरक्षित रखी वस्तुओं और लॉकर के लिए केवल क्रमवार नामांकन की ही मंजूरी दी गई है। यानी एक नामित व्यक्ति के निधन के बाद ही अगला नामित व्यक्ति उसका अधिकार प्राप्त करेगा।