लखनऊ, । राजस्व संहिता में दी गई व्यवस्था के बाद अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्तियों की भूमि स्थानांतरित करने में मनमानी की जा रही है। तय समय 37 दिन के अंदर इन भूमियों को स्थानांतिरत नहीं किया जा रहा है। लखनऊ, मुरादाबाद, जौनपुर, हाथरस, बुलंदशहर, अमेठी, कौशांबी, फिरोजाबाद और मथुरा जिले की स्थिति काफी खराब पाई गई है।
राजस्व परिषद ने इस पर नाराजगी जताते हुए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश भेजा है कि राजस्व संहिता में दी गई व्यवस्था का कड़ाई से पालन किया जाए। इसमें किसी तरह से कोई लापरवाही न बरती जाए। परिषद की आयुक्त एवं सचिव कंचन वर्मा की ओर से जिलाधिकारियों को भेजे गए निर्देश में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा-98 में आवेदन प्राप्त करने और उनके निस्तारण के लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाया गया है।
परिषद ने 7 नवंबर 2025 को ऑनलाइन मामलों की समीक्षा में पाया है कि धारा-98 यानी एससी वर्ग की भूमि को लेकर 5872 आवेदन आए। इनमें से 37 दिन से कम समय से लटके आवेदनों की संख्या 2200 है और इससे अधिक दिनों से रुके आवेदनों की संख्या 3672 है। सबसे खराब स्थिति लखनऊ की है। यहां 2366 मामले समय में निस्तारित नहीं किए गए। इसके अलावा मुरादाबाद में 155, जौनपुर में 113, हाथरस 105, बुलंदशहर 94, कौशांबी 84, फिरोजाबाद 80 और मथुरा में 70 मामले लटके हैं। राजस्व परिषद ने कहा है कि यह स्थिति संतोषजनक नहीं है। राजस्व परिषद की ओर से जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने जिलों से संबंधित राजस्व संहिता की धारा- 98 में ऑनलाइन प्राप्त आवेदनों के निस्तारण की समीक्षा स्वयं करते हुए समय से कराएंगे। लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

