उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) के तीन दिवसीय प्रान्तीय अधिवेशन एवं शैक्षिक संगोष्ठी में प्रदेश भर से जुटे हजारों शिक्षकों ने सेवा सुरक्षा की बहाली की मांग उठाई। शिक्षकों ने कहा कि सरकार पांच प्रदेश की तर्ज पर यूपी में शिक्षक व कर्मियों को पुरानी पेंशन दे और अशासकीय सहायता प्राप्त स्कूलों में सुविधाएं बढ़ाए। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सोहनलाल वर्मा ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 को रद्द करना शिक्षकों के साथ बड़ा धोखा है। सरकार शिक्षकों की सेवा सुरक्षा संबंधी धारा 21,18 एवं 12 को जल्द बहाल करे। अन्यथा शिक्षक जनवरी से प्रदेश व्यापी आन्दोलन करने के लिये बाध्य होंगे। बाबूगंज स्थित रामाधीन सिंह उत्सव भवन में आयोजित अधिवेशन का उदघाटन माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर निदेशक सुरेन्द्र तिवारी ने किया। उन्होने कहा कि शिक्षकों की ऑफलाइन तबादला सूची जारी कर दी गई। उन्होंने शिक्षकों की सेवा सुरक्षा संबंधित मामले समेत अन्य समस्याओं को लेकर शासन से वार्ता करके जल्द निस्तारण करने का आश्वासन दिया।
इस मौके पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष उपेंद्र वर्मा, प्रमोद पाठक, प्रदेश संगठन मंत्री सुरेश पासी, प्रदेश मंत्री संदीप शुक्ला ,तीर्थराज पटेल, ध्रुव नारायण चौधरी, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभात यादव, प्रदेश कोषाध्यक्ष बृजेंद्र वर्मा ने शिक्षकों की तमाम समस्याओं के समाधान के लिये शिक्षकों को संगठित होने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में अनीश राणा, संदीप शुक्ल, जिला अध्यक्ष अंबिका प्रसाद, जिला मंत्री रमेश कुमार समेत भारी संख्या में शिक्षक शामिल हुए। सहाय इंटर कॉलेज नरही लखनऊ की छात्राओं ने सरस्वती वंदना, स्वागत गीत सहित कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
बुनियादी सुविधाओं के लिए स्कूलों को बजट मिले
शैक्षिक संगोष्ठी में शिक्षकों ने कहा कि प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी के चलते लगातार छात्र संख्या कम हो रही है। संगठन के प्रदेश महामंत्री राजीव यादव, प्रधान संरक्षक गुमान सिंह, संरक्षक डॉ. हरि प्रकाश यादव व प्रदेश प्रवक्ता श्रवण कुमार कुशवाहा ने कहा कि इन स्कूलों के भवन जर्जर,बच्चों के बैठने की जगह नहीं, प्रयोगशालाएं जर्जर हैं। सरकार से मांग उठाई कि राजकीय स्कूलों की तर्ज पर इन स्कूलों को हर वर्ष कुछ बजट दे।

