लखनऊ, । यूपी में मतदाता सूची का विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर) का कार्य किया जा रहा है। अभी तक 82 प्रतिशत मतदाताओं की वर्ष 2003 की मतदाता सूची से मैपिंग की जा चुकी है। ऐसे में अब इनसे दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे। ऐसे मतदाता जिनकी मैपिंग नहीं हुई है उन्हें नोटिस जारी कर मतदाता बने रहने के लिए दस्तावेज देने होंगे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) नवदीप रिणवा के निर्देश पर अधिक से अधिक मतदाताओं की मैपिंग का कार्य किया जा रहा है। जिसके तहत मतदाताओं की वर्ष 2003 में एसआईआर के बाद बनी सूची से मिलान किया जा रहा है। मैपिंग उनके खुद के नाम, माता-पिता, बाबा-दादी व नाना-नानी के नाम से की जा रही है। सभी बीएलओ को निर्देश दिए गए हैं कि वह अधिक से अधिक मतदाताओं की मैपिंग का कार्य करें। चुनाव आयोग की ओर से 90 प्रतिशत मतदाताओं की मैपिंग किए जाने की कोशिश की जाएगी। फिलहाल 26 दिसंबर तक एसआईआर की समय-सीमा बढ़ाई गई है। जिसके तहत असंकलित फॉर्म श्रेणी जिसमें 2.95 करोड़ लोग हैं, उन्हें ढूंढ़ने का कार्य भी किया जा रहा है। यह वह मतदाता हैं जो या तो कहीं स्थानांतरित हो गए हैं, मृत, डुप्लीकेट व अन्य श्रेणी में रखे गए हैं। सभी जिलों की सीईओ कार्यालय से निगरानी की जा रही है। जिससे कार्य तय समय पर पूरा हो जाए।
उधर दूसरी ओर नए मतदाता बनाने के लिए फॉर्म-6 भरवाए जा रहे हैं। एक जनवरी 2026 को 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले युवाओं के साथ ही छूटे हुए लोग भी फॉर्म-6 भर सकते हैं। सभी बीएलओ को पर्याप्त संख्या में यह फॉर्म उपलब्ध कराए गए हैं। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग फॉर्म भर सकें। अभी तक नए मतदाता बनने के लिए करीब नौ लाख लोग फॉर्म-6 भर चुके हैं।

