राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने बेसिक शिक्षा कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा हेतु महानिदेशक के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दे त्वरित विरोध दर्ज कराया


*राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने बेसिक शिक्षा कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा हेतु महानिदेशक के माध्यम से मुख्यमंत्री को  ज्ञापन दे त्वरित विरोध दर्ज कराया*
राज्य कर्मचारियों के तर्ज पर आयुष्मान योजना के तहत कैशलेस इलाज की सुविधा बेसिक शिक्षा परिषद के कर्मचारियों को भी मिलनी चाहिए। विदित है कि राज्य कर्मचारी जिला अस्पतालों के साथ चिकित्सा संस्थानों मेडिकल कॉलेज में भी मुफ्त इलाज करा सकेंगे। इस योजना के अंतर्गत 5लाख तक का मुफ्त इलाज निजी अस्पतालों में भी कराया जा सकता है।
           शिक्षकों की आकस्मिक दुर्घटनाओं एवं उत्पन्न स्वास्थ संबंधित गंभीर जटिलताओं के दृष्टिगत राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग के समस्त शिक्षकों हेतु कैशलेस चिकित्सा सुविधा लागू किए जाने की मांग उत्तर प्रदेश शासन से निरंतर करता रहा है। परंतु उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक दिनांक 31 12 2021 में लिए गए निर्णय में केवल राज्य कर्मचारी व पेंशनर को ही यह सुविधा दी जाने की घोषणा की गई है जिससे उत्तर प्रदेश के समस्त बेसिक शिक्षा के शिक्षकों में असंतोष व्याप्त है। अभीहाल ही में कोरोना महामारी की जीवन की अनिश्चिता में शिक्षक पैसेके अभाव में बिना इलाज के ,अपने जीवन को खोने को मजबूर हुए है।
     आक्रोशित और दुखी शिक्षकों की मांग को रखते हुए राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ राज्य कर्मचारियों व पेंशनर्स की तरह बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के अंतर्गत कार्यरत सभी शिक्षकों को भी कैशलेस चिकित्सा सुविधा से आयोजित करने की मांग करता है।
    प्रांतीय पदाधिकारी अध्यक्ष अजीत सिंह,महामंत्री भगवती सिंह, संगठन मंत्री शिव शंकर सिंह के निर्देशानुसार  मंडल लखनऊ अध्यक्ष महेश मिश्रा तथा कार्यकारी अध्यक्ष रीना त्रिपाठी ने टीम के साथ महानिदेशक को सौंपा ज्ञापन।