बच्चों का करते रहे इंतजार तो कहीं पर चली क्लास

रायबरेली : कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण पिछले काफी समय से बंद स्कूल सोमवार से खुल गए। पहला दिन होने के नाते छात्रों की कमी साफ देखने को मिली। कई विद्यालय में तो सिर्फ शिक्षक ही पहुंचे। अधिकांश स्कूलों में 15 से 20 प्रतिशत की ही उपस्थिति रही। हालांकि निजी स्कूलों में उहापोह की स्थिति रही। इस दौरान कई विद्यालय नहीं खुले।


जिले में 2298 परिषदीय विद्यालय हैं। यहां पर 2.92 लाख छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। शीतकालीन अवकाश के बाद से कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण विद्यालय बंद कर दिए गए थे। इसके बाद कक्षा नौ से उच्च कक्षा के विद्यालय खोलने का आदेश शासन से दिया गया। वहीं अब छोटे बच्चों के स्कूल भी खोल दिए गए। हालांकि पहला दिन होने के कारण उपस्थिति कम रही। जगतपुर क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय रोझइया भीखमशाह में प्रधानाध्यापक दीपक कुमार ने बताया कि सभी बच्चों कोविड प्रोटोकाल के तहत कक्षाओं में बैठाया गया। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि कक्षाओं को सुचारू रूप से संचालन करने का आदेश दे दिया गया है। नहीं पहुंचे छात्र, दिनभर बैठे रहे शिक्षक



डीह क्षेत्र के विद्यालयों में नामांकन के सापेक्ष बहुत कम संख्या में बच्चे विद्यालयों में पढ़ने के लिए पहुंचे। प्राथमिक विद्यालय पूरे पहाड़ में सुबह 10:35 बजे तक प्रधानाध्यापक भूपेश सिंह, सहायक अध्यापक रविद्र प्रताप सिंह व शिक्षामित्र स्नेहलता बच्चों का इंतजार करते रहे। नामांकित 71 में से एक भी बच्चा नहीं आया। प्राथमिक विद्यालय डीह प्रथम में प्रधानाध्यापक सुशील सिंह शिक्षकों के साथ मौजूद रहे। यहां नामांकित 311 बच्चों में से 40 छात्र ही पहुंचे। प्राथमिक विद्यालय पूरे कनपुरिया में इंचार्ज प्रधानाध्यापिका खुर्शीदजहां और शिक्षामित्र नीतू सिंह मौजूद रहीं। यहां 116 के सापेक्ष 21 छात्र ही मिले। पाठ्यक्रम को पूरा कराने की रही प्राथमिकता

सलोन क्षेत्र के कम्पोजिट विद्यालय खमरिया पूरे कुशल में 354 में से 232 छात्र-छात्रा पढ़ने पहुंचे। प्रधानाध्यापक अनिल कुमार पांडे ने बताया कि शनिवार को ही अभिभावकों से संपर्क कर विद्यालय खुलने की जानकारी दे दी गई थी। इसके कारण उपस्थिति संतोषजनक है। विद्यालय के शिक्षक मोहम्मद इस्माइल खान, सायमा खान, सूरज प्रसाद, अनुराग श्रीवास्तव, बलवंत सिंह, उषा देवी आदि अधूरे पाठ्यक्रम को पूरा कराने में लगे रहे।