डीबीटी फीडिंग का काम शत प्रतिशत नहीं हो पाया पूरा

रायबरेली फरवरी का महीना बीत गया, फिर भी डीबीटी फीडिंग का काम शत प्रतिशत पूरा नहीं हो पाया है। अभी भी लगभग पीने चार हजार बच्चों का डाटा लंबित है। लगातार समीक्षा हो रही है। लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों और बीईओ को चेतावनी भी दी जा रही है, लेकिन लंबित डाटा का निस्तारण करने में तेजी नहीं दिख रही है। वर्तमान में 3755 बच्चों का डाटा लंबित है।





कक्षा एक आठ तक के छात्र-छात्राओं की यूनिफार्म, स्वेटर, जूता-मोजा, स्कूल बैग का लाभ दिलाने के लिए उनके माता-पिता या अभिभावकों के बैंक खातों में 11-11 सौ रुपये की धनराशि भेजी जा रही है। जिले में दो लाख 87 हजार 781 बच्चों की ज्यादातर बच्चों को लाभान्वित करावा दिया गया था, फिर भी काफी संख्या में बच्चे अभी भी लाभ पाने से वंचित हैं। वजह यह कि 

इन बच्चों की डीवीटी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। सबसे ज्यादा दिक्कत बैंक खाता

आधार सोडेड न होने के कारण आई शिक्षकों और बीईओ के स्तर पर भी मामले लंचित रहे। फरवरी के दूसरे सप्ताह में समीक्षा की गई और दो दिन के भीतर काम पूरा करने चेतावनी दी गई। इस पर तेजी तो दिखी, लेकिन काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है। वर्तमान में 3755 बच्चों का डाटा लंचित है। इसमें सबसे ज्यादा 2723 बच्चों का डाटा विद्यालय स्तर पर रुका है। यानि कि शिक्षकों ने डीबीटी फीडिंग कर डाटा अग्रसारित नहीं किया है। इसी तरह 263 बच्चों का डाटा ससपेक्टेड है, जबकि 769 बच्चों का डाटा आधार सीडेड नहीं है लंबित डाटा को शीघ्र निस्तारित किए जाने के निर्देश बीईओ को दिए गए हैं, ताकि शत- प्रतिशत काम पूरी किया जा सके।