लखनऊ : बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में एक नया प्रकरण सामने आया है। इस बार विश्वविद्यालय के कुलपति ने शिक्षकों पर ही गंभीर टिप्पणी कर दी है। कुलपति प्रो. संजय सिंह द्वारा शिक्षकों की योग्यता पर सवाल उठाए गए हैं।
बीबीएयू में 75वीं प्रबंध समिति के मिनट्स में एक एजेंडा रखा गया, जिसमें शिक्षकों को एक से अधिक पद देने की बात कही गई। प्रबंध समिति की बैठक में तय हुआ था कि एक पद पर एक ही शिक्षक रहकर काम करेगा। इसे लेकर मामला विवाद तक तब पहुंच गया, जब आखिरी प्रबंध समिति के मिनट्स सामने आए तो इसमें बताया गया कि कुलपति (जो कि प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भी हैं) को एक पद पर एक शिक्षक के निर्णय को लागू करने में समस्या आ रही है, क्योंकि विश्वविद्यालय में बहुत कम शिक्षक, पदों के लिए आगे आते हैं। कुलपति ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों की प्रतिभा को सीमित बताया।
इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि एक से अधिक पद एक शिक्षक को दिए जा सकते हैं। शिक्षकों की योग्यता को लेकर कुलपति द्वारा कि गई टिप्पणी पर कानाफूसी शुरू हो गई। शिक्षकों का कहना है कि कुलपति के दो-चार चहेते शिक्षकों के पास पांच से 10 पद हैं। वहीं, एक शिक्षक के पास विद्यार्थियों से जुड़ा एक पद पांच साल से है।
’>>बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय का मामला
’>>कुलपति के बयान के बाद शिक्षकों में नाराजगी
विश्वविद्यालय की छवि खराब करने के लिए जान-बूझकर मिनट्स की गलत व्याख्या की जा रही है। मिनट्स में स्पष्ट रूप से यह लिखा है कि जिस तरह की योग्यता की आवश्यक्ता है, उस विशेषज्ञता के लोगों की संख्या सीमित है।
-डा. रचना गंगवार, प्रवक्ता, बीबीएयू
प्रो. संजय सिंह, कुलपति, बीबीएयू