PRIMARY KA MASTER : परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के अभाव में परवान नहीं चढ़ पा रही अंग्रेजी पढ़ाने की योजना

कुछ वर्ष पूर्व सरकार की तरफ से परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाने का अभिनव प्रयास शुरू किया गया था। इस योजना के तहत सत्र 2015-16 में कुछ परिषदीय विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में परिवर्तित किया गया था। तब से लेकर अब तक जनपद में 111 प्राथमिक व 6 उच्च प्राथमिक विद्यालय अंग्रेजी माध्यम से संचालित हैं। लेकिन इन विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों का अभाव बना हुआ है।


सबसे पहले जिले में 2015-16 सत्र में चककलूटी व ज्ञानपुर प्रथम के दो प्राथमिक विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित किया गया था। इसके प्रति छात्रों और अभिभावकों के बढ़ते रुझान को देखते हुए 2017-18 व 18-19 और 19-20 के सत्र में सभी विकास खंडों में 5-5 परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों व एक उच्च प्राथमिक विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के रूप में परिवर्तित किया गया था। मौजूदा समय में जिले में 111 प्राथमिक व 6 उच्चप्राथमिक अंग्रेजी माध्यम से संचालित हैं। शासन की ओर से तय था कि इन विद्यालयों में कक्षा एक से पांच तक और छह से आठवीं तक हिंदी व संस्कृत विषयों को छोड़कर बाकी सभी विषयों की पढ़ाई अंग्रेजी भाषा में की जाएगी तथा बच्चों को नि:शुल्क पुस्तकें भी दी जाएंगी।



 इतना सब कुछ होते हुए भी इन विद्यालयों में मानक अनुरूप अंग्रेजी माध्यम के शिक्षक तैनात नहीं हो सके। अंग्रेजी माध्यम प्राथमिक विद्यालय फत्तूपुर के प्रधानाध्यापक धीरज सिंह ने बताया कि सत्र 2017-18 में विद्यालय में 181 छात्र और 8 अध्यापक थे, लेकिन वर्तमान में 342 छात्रों पर केवल 6 शिक्षक ही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि मानक देखा जाए तो यहां 11 शिक्षक होने चाहिए। अंग्रेजी माध्यम स्कूल सुल्तानापुर की प्रधानाध्यापक योगिता हेमकर ने बताया कि वहां 229 बच्चे नामांकित हैं और शिक्षक मात्र 3 हैं।


 अंग्रेजी माध्यम के गंगापुर में प्रधानाध्यापिका का प्रभार देख रहीं गायत्री देवी का कहना है कि उन्होंने अंग्रेजी विषय से इंटर नहीं की हैं, फिर भी प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी निभा रही हैं। बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह का कहना है कि मुझे जनपद में बनाए गए अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में व्यवस्था की जानकारी है। पिछले दो वर्षों से शासन ने कोई नियुक्ति नहीं की है। चुनाव हो जाने के बाद नई सरकार के गठन होते ही नए शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। ऐसा मुझे विश्वास है।
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