शिक्षा विभाग की जांच में 124 तबादले गड़बड़, कर्मचारियों ने 291 बताए


बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग के समूह ग के कर्मियों के संयुक्त रूप से हुए तबादलों में गड़बड़ियों का मामला सुलझ नहीं पा रहा है। तमाम विरोध के बाद शिक्षा विभाग की जांच में 124 तबादलों में गड़बड़ी उजागर तो हुई है, लेकिन कर्मचारी संगठन इसे अधूरी जांच बता रहे हैं। यूपी एजूकेशनल मिनिस्ट्रीयल ऑफीसर्स एसोसिएशन का दावा है कि 291 तबादलों में गड़बड़ी है। संगठन ने अपने स्तर पर जांच कर ऐसे गड़बड़ तबादलों की सूची भी जारी की है। साथ ही महानिदेशक स्कूल शिक्षा के साथ ही अपर मुख्य सचिव (कार्मिक) से मामले में जांच कराकर अनियमितताओं को दूर कराने की मांग की है।

शिक्षा विभाग ने गड़बड़ियां को तीन सदस्यीय समिति की जांच के बाद पकड़ा है। कुल 900 से अधिक तबादलों में गड़बड़ मिले 124 तबादलों में तरह-तरह की गड़बड़ियां सामने आई हैं। विभाग ने जांच समिति द्वारा पकड़े गए गड़बड़ तबादलों का ब्योरा महानिदेशक स्कूल शिक्षा को भेजा है। साथ ही तबादलों को दुरुस्त कर गड़बड़ी के दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही है। विभाग को जो गड़बड़ियां मिली हैं, उनमें सबसे ज्यादा 38 ऐसे कर्मचारी हैं, जिनका जिस कार्यालय में तबादला हुआ है, वहां पद ही खाली नहीं। या फिर एक पद पर एक से अधिक कर्मचारियों का तबादला किया गया है।

इसके अलावा 27 में नाम पद नाम, कार्यालय के नाम में गड़बड़ी है। दस ऐसे कर्मचारियों का तबादला हुआ है जिनका शासनादेश के अनुसार पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ था। वहीं नौ दिव्यांगों का और 15 ऐसे कर्मियों का तबादला हुआ है, जिनकी सेवानिवृत्ति अवधि में दो वर्ष से कम समय रह गया है। जिले में पति, पत्नी के कार्यरत होने संबंधी विसंगतियां आठ मिली हैं, जबकि चार ऐसे कर्मियों के तबादले हुए हैं जिनकी सेवानिवृत्ति 30 जून 2022 या इससे पूर्व थी।

वहीं पांच निलंबित कर्मियों के तबादले कर दिए गए हैं। कर्मचारी संघ के सात कर्मियों का तबादला जिले से बाहर किया गया है। बाकी अन्य गड़बड़ियां हैं। यूपी एजूकेशनल मिनिस्ट्रीयल ऑफीसर्स एसोसिएशन ऐसी गड़बड़ियों की संख्या 291 बता रहा है।

शासन की नीति का उल्लंघन करने का आरोपयूपी एजूकेशनल मिनिस्ट्रीयल ऑफीसर्स एसोसिएशन ने अपर मुख्य सचिव कार्मिक को भेजे पत्र में आरोप लगाया है कि शासन की नीति के विपरीत शिक्षा विभाग में 20 प्रतिशत से अधिक तबादले किए गए हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक यादव व महामंत्री राजेश चंद्र श्रीवास्तव का आरोप है कि वरिष्ठ व प्रधान सहायकों व आशुलिपिकों के 50-50 प्रतिशत और उर्दू अनुवादकों के 97 प्रतिशत तबादले हुए हैं। एसोसिएशन ने अपने स्तर पर कराई गई जांच में 291 तबादलों में गड़बड़ी पाई हैं और बाकायदा नाम सहित सूची शासन को भेजकर संशोधन कराने की मांग की है।