प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक रखे जाएंगे। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। शिक्षकों को दो तरीके से रखा जा सकता है। एक तो पूर्व से स्वीकृत विषय जो अब अप्रासंगिक हो गए हैं, उनके शिक्षकों को आवश्यक प्रशिक्षण देते हुए कंप्यूटर शिक्षण की जिम्मेदारी दे दी जाए। या फिर दूसरा प्रस्ताव संविदा पर कंप्यूटर शिक्षकों को रखने का है।
इस प्रस्ताव पर प्रदेश सरकार वित्त विभाग की राय ले रही है। मंजूरी मिलने के बाद कंप्यूटर शिक्षक रखे जाएंगे। इससे पहले कभी इन स्कूलों में नियमित कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई थी। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डॉ. महेन्द्र देव ने यूपी बोर्ड के सचिव को 21 अप्रैल को पत्र लिखकर जिन स्कूलों में कंप्यूटर विषय/शिक्षा की मान्यता (हाईस्कूल व इंटर की अलग-अलग) है और पढ़ाई हो रही है, उनकी जानकारी मांगी थी।
नई शिक्षा नीति में ऑनलाइन कराएंगे पढ़ाई
स्कूली शिक्षा में कंप्यूटर की उपयोगिता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कोरोना काल में सर्वाधिक आवश्यकता महसूस की गई। नई शिक्षा नीति में हाइब्रिड मोड में पढ़ाई कराने का प्रस्ताव है जिसके तहत ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन भी पढ़ाई कराई जाएगी। ऐसे में बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा से वंचित नहीं रखा जा सकता। राजकीय विद्यालयों में तो सरकार ने 2018 में कंप्यूटर शिक्षकों के पद सृजित करते हुए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी थी। लेकिन सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षकों के पद नहीं है।