उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ ने राज्य कर्मचारियों की तरह परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को निशुल्क चिकित्सा व एसीपी की सुविधा देने की मांग की है। गोमतीनगर स्थित सीएमएस में संघ की ओर से आयोजित संगोष्ठी में पुरानी पेंशन लागू करने, स्टडी लीव को मानव संपदा पोर्टल पर विकल्प के रूप में देने और शिक्षकों को गैर शैक्षिक कार्यों से मुक्त करने की भी मांग उठी।
नव भारत निर्माण में बुनियादी शिक्षा की महत्ता और नई शिक्षा नीति व निपुण भारत विषयक संगोष्ठी में संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्य ने कहा कि महिला शिक्षिकाओं ने परिषदीय विद्यालयों को प्रेरक विद्यालय बनाने के लिए सर्वाधिक बेहतर कार्य किए हैं।
उन्होंने संगोष्ठी में मौजूद बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह को बताया कि आकस्मिक अवकाश, मेडिकल लीव व मेटरनिटी लीव अधिकारी मनमर्जी से पोर्टल पर रिजेक्ट कर देते हैं। ये निंदनीय है। इस पर मंत्री ने कहा कि परिषदीय स्कूलों में सरकार ने कई सुविधाएं मुहैया कराई हैं। सरकार बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के हरसंभव प्रयास कर रही है।
विशिष्ट अतिथि एसपी तिवारी ने मंत्री से शिक्षकों की समस्याओं का प्राथमिकता से समाधान कराने का अनुरोध किया। भाजपा अवध क्षेत्र के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजीव मिश्रा ने उम्मीद जताई कि शिक्षकों की मांगों को मंत्री अवश्य पूरा कराएंगे। संगोष्ठी में प्रदेश महामंत्री अनुष्का, वरिष्ठ उपाध्याय मोहिनी त्रिपाठी व स्मिता उपाध्याय आदि शामिल हुईं।