विद्यालय में प्रधानाध्यापिका ने जलाई सरकारी पुस्तकें, निलंबित, पढ़ें पूरी खबर

 

संतकबीरनगर। परिषदीय स्कूल की एक प्रधानाध्यापिका ने सरकारी पुस्तकों को विद्यालय में ही जला दिया। यह मामला तब खुला जब प्रधान की शिकायत पर बीएसए जांच के लिए विद्यालय पहुंचे। बीएसए ने प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर दिया है। इसके साथ हो प्रधानाध्यापिका पर अनियमितता के अन्य गंभीर आरोप भी लगे हैं।

बीएसए अतुल कुमार तिवारी ने बताया कि सेमरियावां ब्लॉक के उमिला गांव के प्रधान रूदल यादव। ने आईजीआरएस पर पूर्व माध्यमिक विद्यालय उमिला की प्रधानाध्यापिका मंजू सिंह को शिकायत की थी।


जिस पर वह 27 अक्तूबर को जांच के लिए विद्यालय पहुंचे थे। जांच में पाया गया कि विद्यालय में दस वर्षों से एक पैरा टीचर रखकर शिक्षण कार्य कराया जा रहा है। जिसके बारे में प्रधानाध्यापिका ने भी स्वीकार किया। जांच के दौरान प्रधान भी मौके पर मौजूद रहे बीएसए ने बताया कि प्रधान ने लिखित तौर पर शिकायत की कि प्रधानाध्यापिका ने आठ हजार का खाद्यान्न बेंच दिया है। इसके साथ ही विद्यालय के खाते में तीन अप्रैल 2022 तक 142251 रुपये थे, जिसमें से 32 हजार रुपये का व्यय किए जाने की बात प्रधानाध्यापिका ने बताई, पर उसका कोई साक्ष्य नहीं दिखा पाई।

विद्यालय परिसर में अधिक मात्रा में पुस्तकें जली हुई पाई गई। इस संबंध में प्रधानाध्यापिका से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 में एनपीआरसी स्तर से प्राप्त निष्प्रयोज्य पुस्तकों को जलाया गया है, लेकिन प्रधानाध्यापिका पुस्तकों के बारे में साक्ष्य नहीं दे पाई है।

पुस्तकों को जलाना बेहद गंभीर मामला है। प्रधानाध्यापिका को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही उन्हें उसी विद्यालय से संबद्ध किया गया है। पूरे प्रकरण की जांच खंड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय को सौंपी गई है। 15 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट तलब की गई है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।