प्राचार्य पद से हुआ मोहभंग... वेतन शिक्षकों के समान, उलझनें तमाम


 कानपुर। उच्च शिक्षा आयोग से नियुक्ति पाए डिग्री कॉलेजों के प्राचायों का पद से मन मोह भंग हो गया है। किसी ने प्रबंधन की तानाशाही तो किसी ने घरेलू कारण का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया है अभी तक शहर के तीन कॉलेजों के प्राचार्यों और उन्नाव के कॉलेज में नियुक्त हुए शहर के  प्राचार्य ने भी पद त्याग दिया है। शिक्षकों के समान वेतन मिलने और प्रबंधतंत्र से सामजस्य न बैठने की वजह से प्राचार्य इस्तीफा दे रहे हैं।





आयोग ने प्रदेश के 291 अनुदानित महाविद्यालयों में एक साल पहले प्राचायों की नियुक्ति को भी इनमें अब तक 48 प्राचार्य पद से इस्तीफा दे चुके हैं। इससे एक बार फिर इन 48 महाविद्यालयों को जिम्मेदारी प्रभारी प्राचायों पर आ गई है। कानपुर उन्नाव में चार महाविद्यालयों की जिम्मेदारी प्रभारी प्राचायों पर है।



डीजी कॉलेज में वाराणसी की प्रो. सुनंदा दुबे को प्राचार्य नियुक्त किया गया था। प्रो. दुबे ने पारिवारिक वजह बताते हुए एक माह पहले पद से इस्तीफा दे दिया है। डीसी लॉ कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आरके उपाध्याय ने भी इस्तीफा दे दिया है। ज्वालादेवी विद्या मंदिर महिला पीजी कॉलेज की प्राचार्या प्रो. प्रीती राठौड़ ने भी एक साल पूरा होते ही इस्तीफा दे दिया है।


बीएसएसडी कॉलेज के शिक्षक प्रो. आनंद शुक्ला डीएसएन कॉलेज उन्नाव में प्राचार्य पद पर नियुक्त हुए थे, उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया है। वहीं एएनडी कॉलेज मैं कोर्ट केस के कारण अब तक स्थायी प्राचार्य की नियुक्ति नहीं हुई है।