कहीं बच्चों ने खोला ताला तो कहीं करते रहे इंतजार


अंबेडकरनगर। पखवाड़े भर के अवकाश के बाद सोमवार को खुले परिषदीय स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति नाममात्र की रही। शिक्षकों की लापरवाही का आलम यह रहा कि कहीं बच्चों को ही स्कूल का ताला खोलना पड़ा तो कहीं इंतजार करते रहे। सुबह नौ से दोपहर तीन बजे तक स्कूल संचालन होना था लेकिन ज्यादातर स्कूल सुबह 11 बजे के आसपास खुल पाए।


शीतकालीन अवकाश से पहले परिषदीय स्कूलों का समय सुबह नौ बजे से ही निर्धारित था। बाद में कोहरे व ठंड को देखते हुए डीएम सैमुअल पॉल एन ने स्कूलों का संचालन 11 बजे से करने का निर्देश जारी कर दिया था


इसी के बाद पहली जनवरी से अवकाश घोषित हो गया। अब जब फिर से परिषदीय स्कूलों के खुलने का समय आया तो ज्यादातर स्कूलों को खोलने का समय 11 बजे ही मान लिया गया।
शिक्षकों ने इसे लेकर न तो विभाग से जानकारी करने की कोशिश की और न ही इस बारे में कोई रुचि ही ली। नतीजा यह हुआ कि दर्जनों स्कूलों का ताला सुबह नौ बजे के बजाय 11 बजे खुला। सोमवार को कई स्कूलों का जायजा लेने पर हालात इस तरह दिखे।



चाबी हमारे पास थी। इसलिए कक्षा का दरवाजा खोल दिया। अब जब गुरूजी आएंगे तो पढ़ाई होगी। यह कहना था टांडा शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय फूलपुर के छात्र-छात्राओं का। सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर परिसर में 20 बच्चे थे लेकिन न तो प्रधानाध्यापक मौजूद थे और न ही शिक्षक व शिक्षिकाएं। 11 बजे से एक-एक कर शिक्षक-शिक्षिकाएं पहुंचने लगे। इसके बाद भी यहां बच्चों की संख्या ज्यादा नहीं बढ़ पाई।
टांडा शिक्षा क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालय दशरथपुर में साढ़े 10 बजे तक ताला बंद था। कोई भी जिम्मेदार नहीं पहुंच सका था। परिसर में 25 छात्र-छात्राएं खेल रहे थे। दो रसोइये भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि कुछ देर में प्रधानाध्यापक व शिक्षक आ जाएंगे। खेल रहे बच्चों ने कहा कि हम सब काफी देर से इंतजार कर रहे हैं। जब गुुरूजी आएंगे, तब पढ़ेंगे। हालांकि लगभग 11 बजे तक सभी शिक्षक आ गए।


जलालपुर शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय मुरवाह में पंजीकृत 106 छात्र-छात्राओं की तुलना में मात्र 23 बच्चे ही उपस्थित रहे। प्रधानाध्यापक रतन सिंह ने बताया कि शत-प्रतिशत उपस्थिति हो सके, इसके लिए अभिभावकों को प्रेरित किया जाएगा। उच्च प्राथमिक विद्यालय बड़ेपुर में 340 बच्चे पंजीकृत हैं। 108 छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। प्रधानाध्यापिका किरन चौधरी ने बताया कि एमडीएम योजना के तहत मीनू के अनुसार सब्जी-रोटी बनाई गई।
अकबरपुर शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय कोटवा महमदपुर में पंजीकृत 110 छात्र-छात्राओं की तुलना में 55 बच्चे ही आए। बच्चे मैदान में बैठकर पढ़ते दिखे। प्रधानाध्यापिका सीमा वर्मा ने कहा कि कई दिनों बाद स्कूल खुला है। इसके चलते ही बच्चों की पूरी उपस्थित नहीं हो पाई है। अगले एक-दो दिन में सभी बच्चे आने लगेंगे।
शीतकालीन अवकाश के बाद सभी परिषदीय स्कूल सोमवार को खुले। पहले दिन उपस्थिति कम जरूर रही लेकिन इसे एक-दो दिन में ही ठीक करा लिया जाएगा। फिलहाल स्कूलों में साफ-सफाई व अन्य व्यवस्था भी दुरुस्त करने पर जोर है। सोमवार को कई स्कूलों का औचक निरीक्षण कराया गया जहां पूरी उपस्थिति मिली। कुछ जगहों पर विलंब से स्कूल खुलने की सूचना मिली है। वहां के प्रधानाध्यापकों को नोटिस दिया जाएगा।
-बीपी सिंह, बीएसए