योजना उच्च शिक्षा में भारतीय ज्ञान, परंपरा की दिखेगी झलक● राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में कोर्स करेंगे अपडेट
● सभी पाठ्यक्रमों में भारतीय ज्ञान परंपरा को करेंगे समाहित
कौन-कौन है कमेटी में
पाठ्यक्रमों में भारतीय ज्ञान परंपराओं को समाहित करने की कार्ययोजना बनाने वाली कमेटी में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ ही ऐमिटी विश्वविद्यालय गौतमबुद्ध नगर नोएडा के कुलपति, कु. मायावती राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय बदलापुर के प्रो. दिनेश चंद्र शर्मा और प्रो. दीप्ति बाजपेयी, आरजी कॉलेज मेरठ की प्राचार्य प्रो. निवेदिता कुमारी को रखा गया है। उच्च शिक्षा निदेशक को कमेटी का सदस्य सचिव बनाया गया है।
प्रयागराज, संवाददाता। आने वाले दिनों में शिक्षा व्यवस्था में प्राचीन और नवीन शिक्षा का समन्वय देखने को मिलेगा। जहां प्राचीन शिक्षा व्यवस्था में ज्ञान व मानवता सर्वोपरि थी वहीं, आधुनिक शिक्षा में विज्ञान एवं तकनीक का प्रभाव देखने को मिलता है। उच्च शिक्षा में भारतीय ज्ञान परंपराओं को शामिल करने की कवायद शासन ने शुरू कर दी है। शासन की ओर से छह सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। कमेटी से दो महीने के भीतर सभी पाठ्यक्रमों में भारतीय ज्ञान परंपरा को शामिल करने की कार्य योजना तैयार कर उपलब्ध कराने को कहा गया है।
उच्च शिक्षा अनुभाग-3 के प्रमुख सचिव डॉ. सुधीर एम बोबडे ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में कोर्स अपडेट करने के लिए अध्यक्ष समेत छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के कुलपति को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में सभी पाठ्यक्रमों में भारतीय ज्ञान परंपरा का समावेश किया जाना आवश्यक है।