बिजलीकर्मी हड़ताल पर गए,10 बर्खास्त, इन बिंदुओं को लागू कराना चाहते हैं बिजलीकर्मी



बिजलीकर्मी हड़ताल पर गए,10 बर्खास्तलखनऊ में गुरुवार को सभा करते हड़ताली बिजली कर्मचारी।

इन बिंदुओं को लागू कराना चाहते हैं बिजलीकर्मी

समझौते में कुछ प्रमुख बिंदुओं पर बनी सहमति में ऊर्जा निगमों के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक का चयन समिति द्वारा किया जाना, तीन पदोन्नति पदों के समयबद्ध वेतनमान के लिए आदेश किया जाना, बिजली कर्मियों के लिए पावर सेक्टर इम्पलाइज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाना, संविदा कर्मियों की मानदेय की विसंगति दूर करना प्रमुख है।

हड़ताली कर्मियों पर लगेगा रासुका ऊर्जा मंत्रीलखनऊ। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा है कि ऊर्जा निगमों में उ.प्र. आवश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम 1966 (एस्मा) जनवरी से छह माह के लिए प्रभावी है। ऐसी स्थिति में हड़ताल के दौरान बिजली आपूर्ति में किसी तरह का व्यवधान करने अथवा उपकेंद्रों व अन्य संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने पर एस्मा और रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी।

घंटे की हड़ताल करने का बिजली कर्मचारियों ने किया है फैसला

दिनों का कार्यबहिष्कार करने के बाद उठाया है यह कदम

लखनऊ/महोबा, प्रदेश में 23 वर्षों बाद बिजलीकर्मी गुरुवार को रात 10 बजे से 72 घंटे की हड़ताल पर चले गए। हड़ताल टालने के क्रम में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने दिन में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से वार्ता की जो कि बेनतीजा रही।

हड़ताल के दौरान बिजली सप्लाई में बाधा न आए इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्थाओं के साथ ही कानून-व्यवस्था के लिए पुलिस-प्रशासन की टीम को चौकस कर दिया गया है। दिसंबर 2022 में ऊर्जा मंत्री और संघर्ष समिति के बीच हुए लिखित समझौते को लागू नहीं करने के विरोध में बिजली कर्मियों ने आंदोलनात्मक रुख अपना रखा है। इस बीच, महोबा में हड़ताली दस बिजलीकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया। इनमें पांच संविदा और पांच आउटसोर्स कर्मचारी शामिल हैं। डीएम ने संविदा कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर के आदेश भी दिए हैं।

व्यवधान डालने पर सख्त कार्रवाई बिजलीकर्मी दो दिनों तक कार्य बहिष्कार के बाद तय कार्यक्रम के मुताबिक रात 10 बजे से हड़ताल पर चले गए। इस बीच जिलों में बिजली सप्लाई में व्यवधान का कारण बन रहे कार्मिकों के खिलाफ पुलिस और प्रशासन द्वारा कार्रवाई शुरू कर दी गई है। संघर्ष समिति ने बताया कि महोबा में हड़ताली दस बिजलीकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया। इनमें पांच संविदा और पांच आउटसोर्स कर्मचारी शामिल हैं। डीएम ने संविदा कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए हैं। डीएम ने संबंधित कंपनी को काली सूची में डालने का आदेश भी दिया है। ऊर्जा मंत्री से वार्ता विफल होने के बाद आंदोलनकारी बिजली कर्मियों ने फील्ड हास्टल में सभा की।

नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स ने पदाधिकारियों ने आंदोलनकारी बिजली कर्मियों की सभा को संबोधित किया।