स्नातक की छात्राएं नहीं लिख पा रही इमला

 लखनऊ : स्नातक की छात्राएं इमला नहीं लिख पा रही हैं, आजकल की पढ़ाई का स्तर आप इससे समझ सकते हैं। किसी को आनुषंगिक नहीं लिखना आता तो किसी को ज्योत्स्ना । हस्तांतरण, अंत्याक्षरी, पैंतालीस, नवमल्लिका, कृतघ्न, बैसाखनंदन, किंकर्तव्यविमूढ़ जैसे शब्द तो अधिकतर छात्राएं नहीं लिख पाईं। इमला प्रतियोगिता में 35 छात्राएं शामिल हुईं, इनमें 28 ऐसी थीं जिनके अधिकतर शब्द गलत थे। सिर्फ सात छात्राएं ही लगभग सभी शब्द सही लिख पाईं।







प्रतियोगिता नवयुग कन्या महाविद्यालय के हिंदी विभाग की नवज्योतिका संस्था व काव्योम संस्था के तत्वावधान में शुक्रवार को आयोजित की गई। काव्योम संस्था के अध्यक्ष जय सिंह कौन्तेय ने बताया कि हिंदी दिवस के अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। इसी क्रम में इमला प्रतियोगिता में स्नातक के विभिन्न पाठ्यक्रमों की 35 छात्राओं ने हिस्सा किया। सभी को बोल कर 50 शब्द लिखवाए गए। इसका परिणाम 14 सितंबर को हिंदी दिवस पर जारी किया जाएगा। इससे पूर्व प्रथम प्रतियोगिता स्वरचित काव्य पाठ में 15 छात्राएं शामिल हुईं। उन्होंने मां, जिंदगी, रस प्रेम, सौंदर्य व पिता पर कविताएं सुनाईं। प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में मनोविज्ञान विभाग की प्रो. ज्योतिका राठौर व अध्यक्ष प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग प्रो. संगीता शुक्ला शामिल रहीं। स्वरचित काव्य पाठ प्रतियोगिता का संचालन काव्योम संस्था की अंशिका ने किया। दूसरी प्रतियोगिता का संचालन अभिषेक ने पाठक ने किया।