दुविधा में शिक्षक,तबादला चुनें या प्रमोशन
लखनऊ : म्यूचुअल तबादला चुनें या फिर प्रमोशन? दोनों के लिए ही वर्षों से इंतजार कर रहे शिक्षक अब दुविधा में फंस गए हैं। वजह ये कि म्यूचुअल तबादलों के लिए आपसी सहमति से पेयर बना लिए गए हैं। पर विभाग ने तबादला आदेश करने की बजाय अब प्रमोशन के आदेश कर दिए हैं। प्रमोशन आठ नवंबर तक पूरे करने के आदेश किए गए हैं। ऐसे में अगर प्रेयर के एक भी शिक्षक का प्रमोशन होता है तो दोनों तबादले से वंचित हो जाएंगे। वहीं, प्रमोशन छोड़ते हैं तो फिर भविष्य में प्रमोशन और चयन वेतनमान आदि लाभों से वंचित हो जाएंगे।
ऐसे चली तबादला और प्रमोशन प्रक्रिया : बेसिक शिक्षा विभाग ने फरवरी में प्रमोशन, अंतरजनपदीय तबादले, म्यूचुअल अंतरजनपदीय और अंतः जनपदीय तबादलों की प्रक्रिया एक साथ शुरू कर दी थी। पहले आवेदन और फिर विकल्प भरने सहित सभी की तारीखें बढ़ती रहीं।
जून तक अंतरजनपदीय तबादले तो पूरे हो गए लेकिन रिलीविंग और जॉइनिंग अगस्त तक हुई। उसके बाद म्यूचुअल, अंत: जनपदीय और अंतरजनपदीय तबादलों की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। पोर्टल पर आपसी सहमति से पेयर बनाने की प्रक्रिया चली। इसके लिए भी तारीख बढ़ती गई और यह प्रक्रिया जून से सितंबर तक चली। तब से अबतक कोई आदेश नहीं आया।
विभाग का तर्क है कि तबादले गर्मियों या सर्दियों की छुट्टियों में ही हो सकते हैं। अब अचानक फिर से आदेश कर दिया गया है कि प्रमोशन किए जाएंगे। प्रमोशन के लिए 30 अक्तूबर तक ज्येष्ठता सूची जारी करने और आठ नवंबर तक प्रमोशन पूरे करने के आदेश किए गए हैं।
तबादलों के संबंध में शासनादेश है कि गर्मियों और सर्दियों की छुट्टियों में ही किए जा सकते हैं। प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। सिर्फ रिलीविंग और जॉइनिंग के आदेश होने हैं। तबादलों में वक्त लग रहा है। इसलिए यह सोचा गया कि तब तक प्रमोशन का काम कर लिया जाए। -प्रताप सिंह बघेल, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद