विजिलेंस जांच में पकड़ में आ सकते हैं कई और फर्जी, बलरामपुर, संभल के अलावा कुछ और जिलों में फर्जी चयनित


विजिलेंस जांच में पकड़ में आ सकते हैं कई और फर्जी, बलरामपुर, संभल के अलावा कुछ और जिलों में फर्जी चयनित


प्रयागराज : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) भर्ती 2013 में फर्जी तरीके से चयनित / समायोजित की संख्या कहीं ज्यादा हो सकती है। बलरामपुर, संभल के अलावा मुजफ्फरनगर में भी जालसाजों ने फर्जी ढंग से एडेड माध्यमिक विद्यालयों में तीन आरोपितों को कार्यभार ग्रहण कराए। फर्जी चयन का प्रकरण सामने आने के बाद आरोपित विद्यालयों से फरार हो चुके हैं। 


फर्जी ढंग से नियुक्ति के मामले में चयन बोर्ड हाई कोर्ट में पक्ष रख चुका है। हाई कोर्ट के आदेश पर शासन से विजिलेंस जांच शुरू कराने पर फर्जी चयनितों की संख्या ज्यादा सामने आ सकती है। चयन बोर्ड के सत्यापन में संभल और बलरामपुर में छह छह तथा मुजफ्फर नगर में तीन का समायोजन फर्जी निकल चुका है। इसके अलावा कुछ और जिलों में फर्जी तरीके से कार्यभार ग्रहण कराया गया है। 


बलरामपुर में ही 17 फर्जी चयनित विद्यालय से फरार हैं। एक आरोपित की बीएड की डिग्री फर्जी निकली थी। इस तरह 18 प्रकरण बलरामपुर में ही सामने आए। बलरामपुर के छह, संभल के एक और मुजफ्फरनगर के तीन के मामले हाई कोर्ट में पहुंचे हैं। इन्हें वेतन निर्गत करने में कई की संलिप्तता मानते हुए विजिलेंस जांच शुरू होने वाली है।


 जांच होने पर आरोपितों से आरोपितों के तार जोड़े जाने पर इस फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड और उसमें संलिप्त शिक्षा विभाग के अधिकारियों के कारनामे भी सामने आएंगे, क्योंकि कई के समायोजन का संबंधित जिला विद्यालय निरीक्षक न तो चयन बोर्ड की वेबसाइट से आनलाइन सत्यापन किया और न ही चयन बोर्ड से कराया। ऐसे में जांच शुरू होने पर कई की गर्दन फंस सकती है।



फर्जी चयनितों के खिलाफ मुकदमा लिखाने को डीआइओएस, प्रबंधक व प्रधानाचार्यों में खींचतान

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) भर्ती 2013 में फर्जी चयनितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को लेकर डीआइओएस, स्कूल के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों में खींचतान मची है। फर्जीवाड़ा खुलने पर मुकदमा दर्ज कराने से सब पीछे हट रहे हैं। 




अभी तक सामने आए 12 फर्जी मामलों में तीन के खिलाफ केस को मुकदमा दर्ज होने पर गिरफ्तार किया गया है, लेकिन अन्य मामले में प्रधानाचार्य मुकदमा नहीं दर्ज करा रहे हैं। इधर, हाई कोर्ट के आदेश पर शासन से भी विजिलेंस जांच शुरू करने के निर्देश दे दिए जाने के बाद डीआइओएस, प्रबंधक और प्रधानाचार्य मुकदमा दर्ज कराने को लेकर उलझे हुए हैं।

प्रधानाचार्यों ने फर्जी चयनितों को कार्यभार तो बिना चयन बोर्ड के सत्यापन कराए ग्रहण करा दिया गया, लेकिन उनका कहना है कि समायोजन सूची का सत्यापन जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) ने नहीं कराया और फर्जी चयनित को नियुक्ति पत्र विद्यालय प्रबंधक ने जारी किया है तो मुकदमा प्रधानाचार्य क्यों दर्ज कराएं।

समायोजन पत्र का बिना सत्यापन कराए बलरामपुर और संभल में 12 लोगों को कार्यभार ग्रहण कराने के मामले में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने दोनों जिला विद्यालय निरीक्षकों को आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए थे।


 बलरामपुर में दबाव पड़ने पर प्रधानाचार्यों ने तीन आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने तीनों आरोपितों को गिरफ्तार किया है। अन्य के विरुद्ध संबंधित प्रधानाचार्यों पर जिला विद्यालय निरीक्षक और प्रबंधक दबाव बना रहे हैं कि वह मुकदमा दर्ज कराएं।