उच्च शिक्षा में 50% के दाखिले का लक्ष्य


देशभर के सीमैट की तीन दिनी वार्षिक बैठक में मौजूद अतिथि और विशेषज्ञ।


प्रयागराज। राष्ट्रीय शैक्षिक योजना और प्रशासन संस्थान (नीपा), नई दिल्ली की कुलपति प्रो. शशिकला वंजारी ने कहा है कि 2030 तक उच्च शिक्षा में 50 प्रतिशत विद्यार्थियों के दाखिले का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2020-21 में कक्षा 12 पास करने वाले 18 से 23 साल के 27.3 प्रतिशत छात्र-छात्राओं ने उच्च शिक्षा में दाखिला लिया था। इस सकल नामांकन अनुपात (ग्रास इनरोलमेंट रेशियो) को 2030 तक 50 फीसदी तक लेकर जाना है।



राज्य शैक्षिक प्रबन्धन और प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) एलनगंज में शैक्षिक प्रशासकों की राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित तीन दिनी बैठक का उद्घाटन करने पहुंची प्रो. शशिकला ने ‘हिन्दुस्तान’ से कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य विकसित भारत के सपने को साकार करना है। सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है। अभिभावकों को भी अपनी सोच बदलनी होगी।


लोक कल्याणकारी शिक्षा की आवश्यकता


सीमैट में तीन दिनी वार्षिक बैठक में मुख्य अतिथि नीपा की कुलपति प्रो. शशिकला वंजारी ने कहा कि नई दिल्ली में आयोजित जी-20 समूह के देशों के सम्मेलन से पहले विकास का आशय मोटे तौर पर आर्थिक विकास से लिया जाता था, परन्तु भारत में आयोजित जी-20 सम्मेलन में आर्थिक विकास से अधिक मानव कल्याण पर बल दिया गया। यह मानव कल्याण शिक्षा के माध्यम से ही सम्भव है। प्रत्येक नागरिक के लिए लोक कल्याणकारी शिक्षा की आवश्यकता है। नीपा की पूर्व कुलपति एवं शिक्षाविद प्रो. एनवी वर्गीस ने कहा कि पिछले अनुभवों से सीखते हुए नई शिक्षा नीति 2020 का निर्माण किया गया है। नीपा में विभागाध्यक्ष (शैक्षिक योजना) प्रो. के. बिस्वाल, सीमैट प्रयागराज के निदेशक दिनेश सिंह, डॉ. अमित खन्ना, पवन सावंत, सरदार अहमद आदि उपस्थित रहे।